गुर्दा पथरी: 11 घरेलू नुस्खे-Kidney Stones: 11 Home Remedies

 

गुर्दा पथरी: 11 घरेलू नुस्खे-Kidney Stones: 11 Home Remedies

इन दिनों मेरे अनुभव में आया है कि किडनी-Kidney-गुर्दा, Ureter-यूरेटर-मूत्रवाहिनी या Bladder-ब्लैडर-मूत्राशय में पथरी बनना, आम बात हो गयी है। यहां तक 3 से 5 साल की छोटी उम्र के बच्चों में भी पथरी बन रही है।

पथरी एक भयंकर पीड़ादायक समस्या है। इस कारण कुछ लोग पथरी के दर्द से घबराकर पथरी का ऑपरेशन (Operation of Stones) करवा लेते हैं। जो स्थायी समाधान नहीं होने के कारण अनुचित है। क्योंकि जब तक शरीर में पथरी बनना बंद नहीं होगी, बार-बार गुर्दे में पथरी बनती रहेगी। अत: सवाल पूछा जा सकता है कि ऐसे में कब तक ऑपरेशन करवाया जाता रहेगा? मुझ से एक ऐसे पेशेंट ने सम्पर्क किया, जिसने 5 बार गुर्दे की पथरी को ऑपरेशन के जरिये निकलवा दिया था। फिर भी छठी बार फिर से पथरी बन गयी।

जन सामान्य की जानकारी हेतु यह बताया जाना जरूरी है कि खापानाप की गलत आदतों और शरीर में बनने वाले ​कुछ प्रमुख पदार्थों के पेशाब के जरिये उचित रीति से निष्कासन नहीं होने के कारण गुर्दे की पथरी का निर्माण होता रहता है। जिनमें Uric Acid-यूरिक एसिड, Phosphorus Calcium-फास्फोरस कैल्शियम एवं Oxalic acid: Oxalic acid-ऑक्सालिक एसिड-ऑक्जेलिक एसिड प्रमुख हैं।

जिन पदार्थों से पथरी निर्माण होती है, उनमें Calcium Oxalate-कैल्शियम ऑक्‍जेलेट प्रमुख है। लगभग 90 प्रतिशत पथरी का निर्माण Calcium Oxalate-कैल्शियम ऑक्‍जेलेट से ही होता है। जिन पेशेंट्स ने गुर्दे की पथरी का दर्द सहन किया होता है, वे ही जानते हैं कि गुर्दे की पथरी (kidney Stone) का दर्द कितना भयंकर होता है। तब ही तो पथरी के दर्द से रोगी बुरी तरह से तड़फ उठता है। ऐसी स्थिति में पेशेंट को तुरंत किसी ऐलोपैथ डॉक्टर की सलाह के अनुसार दर्द निवारक दवाई-टेबलेट का सेवन करवाना चाहिये।

आमतौर जब पथरी अपने स्थान अर्थात गुर्दे से नीचे की तरफ खिसक जाती है, तब ही यह भयंकर दर्द पैदा होता है। पथरी, किडनी अर्थात गुर्दे से खिसक कर यूरेटर और फिर यूरिन ब्लैडर में आती है। इस दौरान पेशेंट को पेशाब त्यागने में असहनीय कष्ट होता है। इस दौरान पेशेंट को उल्टी मितली, पसीना होना और फिर ठंड महसूस होना आदि सामान्य लक्षण प्रकट होते हैं। पथरी के नुकीले आकार होने पर पथरी से आंतरिक हिस्सों में खरोंच लगने पर पेशाब में जलन-डिसुरिया-Dysuria-Burning in Urination हो सकती है और पेशाब के साथ खून भी आ सकता है। इसमें बार-बार थोड़ी मात्रा में दर्द के साथ पेशाब आता रहता है। फिर भी पेशाब की इच्छा बनी रहती है

इस तकलीफ का उपचार करवाने के लिये सबसे पहले पेशेंट के गुर्दों की सोनोग्राफी करवाना बहुत जरूरी होता। सोनोग्राफी की रिपोर्ट दिखलाकर किसी योग्य चिकित्सक की देखरेख में उपचार लेने से आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक दवाइयों के सेवन से 20-25 एमएम तक की एक से अधिक पथरियां भी बिना ऑपरेशन, टुकड़े होकर बाहर निकल जाती हैं।

मेरे द्वारा रोगी के लक्षणों का मिलान करके होम्योपैथिक दवाइयों के साथ-साथ अनेक शुद्ध एवं ताजा ऑर्गेनिक देसी जड़ी बूटियों से निर्मित (Made from pure and fresh organic herbs) ”AC-27 Stone Breaker Powder-पथरी तोड़क पाउडर” तथा ”AC-26 Stone Dissolvent Powder-पथरी घोड़क पाउडर:” रोगी को सेवन करवाये जाते हैं। जिनसे सामान्य: 80 फीसदी पेशेंट्स की पथरी 15 दिन से 3 महिने में टूटकर और घुलकर पेशाब के रास्ते निकल जाती हैं। पथरी निकल जाने के बाद फिर से पेशेंट को सोनोग्राफी करवाने को कहा जाता है। जिससे पथरी पूरी तरह से निकल जाने की पुष्टि हो जाने के बाद कुछ अनुभवसिद्ध होम्योपैथिक दवाइयां पेशेंट को सेवन करवायी जाती हैं। जिनके सेवन के बाद 90 फीसदी पेशेंट्स को फिर से पथरी नहीं बनती हैं। बशर्ते वे पथरी निर्माण में सहायक पदार्थों का सेवन नहीं करें।

लेकिन छोटी-छोटी अर्थात 4-5 एमएम तक की पथरी घरेलू नुस्खों के प्रयोग से भी निकल सकती हैं। अत: जनहित में, मैं डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा-8561955619 ऐसे ही कुछ अनुभवसिद्ध घरेलू नुस्खे यहां प्रस्तुत कर रहा हूं:-

नोट: इन नुस्खों का प्रयोग करने के लिये किसी अनुभवी वैद्य से स:शुल्क परामर्श करें तो बेहतर होगा।

  • (1) पानी में शरीर के दूषित विजातीय पदार्थों को बाहर निकालने की अद्भुत शक्ति होती है। गरमी में 5-6 लीटर और सर्दी के मौसम में 3-4 लीटर पानी पीने की आदत बनावें।
  • (2) बथुआ की सब्जी आधा किलो लें। इसे 800 मिलि पानी में उबालें। दिन में 3-4 बार नियमित रूप से सेवन करते रहने से गुर्दे की पथरी निकल जाती है।
  • (3) प्याज में पथरी नाशक तत्व होते हैं। करीब 70 ग्राम प्याज को अच्छी तरह पीस कर या मिक्सर में चलाकर पेस्ट बना लें। इसे कपडे से निचोड़कर रस निकालें। सुबह खाली पेट पीते रहने से पथरी छोटे-छोटे टुकडे होकर निकल जाती है।
  • (4) पथरी को गलाने के लिये चौलाई की सब्जी गुणकारी है। उबालकर धीरे-धीरे चबाकर खाएं। दिन में 3-4 बार इसका सेवन करें।
  • (5) मूली के पत्तों का रस 150 से 200 एमएल दिन में 2 बार लेने से पथरी निकल जाती है। कुलथी की दाल का सूप पीने से पथरी निकलने में आसानी होती है। इसे दोनों वक्त पिया जा सकता है।
  • (6) तुलसी के पत्तों का एक चम्मच रस, एक चम्मच शहद में मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करें। ऐसा 5-6 माह में छोटी पथरी निकल जाती है।
  • (7) सूखे आंवले बारीक पीस लें। यह चूर्ण कटी हुई मूली पर लगाकर भली प्रकार चबाकर खाने से कुछ ही हफ्तों में पथरी निकल सकती है।
  • (8) नींबू के रस में पथरी को घोलने की विशेष शक्ति होती है। अत: एक नींबू का रस दिन में 1-2 बार मामूली गरम जल में मिलाकर पीना चाहिये।
  • (9) अंगूर में पोटेशियम और पानी की अधिकता होने के कारण अंगूर गुर्दे के सभी रोगों लाभदायक सिद्ध हुआ है। अंगूर में अल्बुमिन और सोडियम कम होता है जो गुर्दे के लिये उत्तम है।
  • (10) दो अन्जीर एक गिलास पानी मे उबालकर सुबह के वक्त पीयें। इसे पथरी नहीं निकलने तक लगातार एक-दो महिने तक लेना जरूरी है।
  • (11) तरबूज में पानी की मात्रा ज्यादा होती है। जब तक उपलब्ध रहे रोज तरबूज खाएं। इसके अलावा तरबूज में पुरुषों के लिये काम-शक्ति वर्धक असर भी पाया गया है।

लेखन: 03.09.2016, संपादन: 03.03.2019

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