डिप्रेशन (Depression): अनुभवसिद्ध (Experienced) सफल होम्योपैथिक उपचार

हम अनेक लोगों से सुनते रहते हैं कि मैं डिप्रेशन में हूं। हकीकत यह है कि वर्तमान में तेजी से भागती दौड़ती दुनिया में अधिकतर लोग किसी न किसी चाहत, असफलता या उपलब्धि (Desire, Failure or Achievement) के दबाव एवं तनाव (Pressure and Stress) में जीने का विवश हैं। जब यह दबाव एवं तनाव बढ जाता है या अनियंत्रित हो जाता है तो अधिकतर लोग अत्यधिक निराश (Extremely Disappointed) हो जाते हैं।
निराश व्यक्ति को कुछ भी नहीं सूझता और कुछ निराश लोग इतने दु:खी हो जाते हैं कि उन्हें अपना जीवन निरर्थक लगने लगता है। सामान्यत: इसी अवस्था को डिप्रेशन (Depression) कहा जाता है।
जिसके कारण उनेक लोगो के मन में आत्मघात (Suicide) के विचार भी आने लगते हैं। जिनमें से कुछ आत्महत्या भी कर लेते हैं। अत: इस स्थिति का समय रहते समाधान करना बहुत जरूरी होता है।
 
दुष्प्रभाव रहित (Without side effect) होम्योपैथित दवाइयों से डिप्रेशन का सफल उपचार: होम्योपैथिक दवाइयों का परीक्षण चूहे, खरगोश या मेंढकों पर नहीं, बल्कि स्वस्थ लोगों पर किया जाता है। अत: परीक्षण के दौरान यह नोट किया जाता है कि किसी दवा विशेष का मानव के शरीर के साथ-साथ मन पर क्या और कैसे प्रभाव पड़ता है। इसी कारण होम्योपैथिक दवाइयां मनुष्य के मन पर बहुत गहरा एवं सकारात्मक असर करती हैं। अत: यह समझना और समझाना जरूरी है कि होम्योपैथी में मन से जुड़े विकारों या गड़बड़ियों के उपचार की बहुत सारी दवाइयां उपलब्ध हैं। मगर सही दवा, दवा की शक्ति एवं मात्रा का चयन किसी अनुभवी होम्योपैथ द्वारा डिप्रेशन की स्थिति से पीड़ित व्यक्ति के मानसिक एवं शारीरिक लक्षणों को जानकर तथा विश्लेषण करके ही किया जा सकता है। डिप्रेशन के रोगी तथा रोगी के परिजनों को रोगी की हर प्रकार की छोटी-बड़ी लाक्षणिक जानकारी डॉक्टर को बताना बहुत जरूरी होता है। अन्यथा रोगी का सही उपचार असंभव है। होम्योपैथिक दवाइयां व्यक्ति के अंदर स्थापित उस कारण को दूर करने में सक्षम होती हैं, जो डिप्रेशन सहित किसी भी बीमारी का मूलाधार/कारण होता है। यहां कुछ होम्योपैथक दवाइयों के लक्षणानुसार नाम दिये जा रहे हैं, जो डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को स्वस्थ करने में सहायक हो सकती हैं। मैं जिन दवाइयों का उल्लेख कर रहा हूं, मैंने उन दवाइयों के सहयोग से डिप्रेशन के शिकार अनेकानेक रोगियों को स्वस्थ किया हैं। 
आगे बढने से पहले यह स्पष्ट करना जरूरी है कि यद्यपि होम्योपैथिक दवाइयों के कोई दुष्प्रभाव (Side Effect) नहीं होते हैं, लेकिन यह बतलाना कानूनी बाध्यता है कि किसी योग्य होम्योपैथ के परामर्श के बिना खुद अपना इलाज करने का प्रयास न करें।
1. अर्जेंटम नाइट्रिकम (Argentum Nitricum): 
  1. जब रोगी को मानसिक और शारीरिक रूप से खुद पर नियंत्रण रख पाना मुश्किल या असंभव हो जाये।
  2. रास्ते में चलते समय ऊंची इमारतों के पास से गुजरते समय ऊंची इमारतों की ओर देखने से रोगी को डर लगने लगे।
  3. रोगी को पुल पार करने से डर लगता है।
  4. ऊंची इमारतों के ऊपर से नीचे देखने से भी रोगी डरता है।
  5. उसे हमेशा मृत्यु का भय घेरे रहता है। अनेक बार रोगी अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी किया करता है।
  6. रोगी को किसी के इंतजार से घबराहट होती है।
  7. उसे मीठे की विशेष चाहत होती है।
  8. किसी बड़े या अनजान व्यक्ति से मिलने जाने या किसी समारोह में जाने या किसी प्रकार का भाषण देने जाने से पहले रोगी के मन में इतनी व्याकुलता, घबराहट और डर की स्थिति पैदा हो जाती है कि उसे बार-बार पेशाब और शौच जाना पड़ता है।
  9. यह सब रोगी के स्नायुमंडल की कमजोरी के प्रमाण हैं।

ऐसे लक्षणों के आधार पर इस दवाई से मैंने अनेक रोगियों को सम्पूर्ण आरोग्य प्रदान किया है। यहां तक कि यौन सम्बन्धों में घबराहट के मामले में भी यह दवा अत्यंत उपयोगी है।

2. आर्सेनिक एल्बम (Arsenic Album):
  • 1. जिस रोगी के मन में अत्यधिक संताप, निराश और बेचैनी। इतनी बेचैनी की एक जगह बैठ नहीं सकता। बार-बार जगह बदलता रहता है।
  • 2. घबराहट, मृत्युभय और अत्यधिक कमजोरी के लक्षण दिखाई दें।
  • 3. यह डर सताता रहता है कि उसे अकेला छोड़ दिया जायेगा।
  • 4. रोगी का भय के मारे ठंडा पसीना आता रहता है।
  • 5. रोगी कंजूस, डाही-दूसरों को देखकर जलने वाला, खुदगर्ज और कायर हो सकता है।
  • 6. रोगी को ऐसी प्यास लगती है कि वह बार-बार, थोड़ी-थोड़ी देर में थोड़ा-थोड़ा पानी पीता रहता है।
  • 7. रोगी कितना ही कमजोर और नि:शक्त हो गया हो, लेकिन फिर भी वह एक जगह टिक कर बैठ नहीं सकता। यदि शारीरिक ताकत जवाब दे जायेगी तो पलंग पर पड़ा-पड़ा, हिलता-डुलता रहेगा।
  • 8. रोगी को हमेशा मृत्यु का भय सताता रहता है, वह मन में सोचता और अपने परिवारजनों को बोलता रहता है कि दवा खाना बेकार है, अब वह नहीं बचेगा।
  • 9. रोगी को अकेले में रहने से डर लगता है।
  • 10. रोगी आराम से सो भी नहीं सकता है। उसे नींद में दम घुटता से महसूस होता है। अपने हाथों को सिर पर रखकर सोता है। उसे चिंता, भय और निराशा से भरे सपने सताते रहते हैं।
  • 11. जब रोगी भूत-प्रेत दिखने की बातें करे या उसके मन में आत्महत्या करने की प्रबल इच्छा हो तो यह दवा अत्यंत उपयोगी होती है।

अनेक ऐसे रोगी जो ऊपरी हवा या भूत-प्रेत का साया बतलाकर नारकीय जीवन जीने को विवश कर दिये जाते हैं, उनका ‘आर्सेनिक एल्बम’ से या अन्य उपयुक्त होम्योपैथिक दवा से उपचार संभव है। उपरोक्त लक्षणों को रोगी/रोगिणी के लक्षणों से मिलान करने पर होम्योपैथी की बहु उपयोगी दवा ‘आर्सेनिक एल्बम’ चमत्कार जैसा प्रभाव दिखाती है।

मैंने अनेक ऐसी औरतों को स्वस्थ करने में सफलता अर्जित की है। जिन्हें भूतग्रस्त बतलाकर प्रताड़ित किया जाता था। जिन्हें झाड़-फूंक करने वाले भोपाओं के हवाले करके प्रताड़नाएं दी जाती थी।

उपरोक्त लक्षणों से पीड़ित यौन रोगियों का भी इसी दवा से उपचार करने में मैंने सफलता पायी है।

यही नहीं जिन रोगियों को ब्लड प्रेशर की तकलीफ हो उन्हें भी उक्त लक्षणों के मिलान करने के बाद उचित शक्ति में उक्त होम्योपैथिक दवाई से सामान्य होते देखा गया है।

3. एसिड फॉस्फोरिकम (Acid Phosphoricum):
  1. वियोग, जुदाई, प्रेम में असफलता, शोक, दु:ख, आत्मीयजन की मृत्यु, प्रेम में धोखा या असफलता आदि के कारण अनेक प्रकार की मानसिक और शारीरिक परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं। जैसे-चिंताग्रस्त रहना और थकावट, पर्याप्त नींद नहीं आना, अचानक पसीना-पसीना हो जाना, किसी भी काम या विषय में मन नहीं लगना, हतोत्साह के साथ रोगी दु:खी और व्याकुल रहने लगे।
  2. शुरुआत मानसिक कमजोरी से होती है, जो बाद में शारीरिक कमजोरी में भी बदल जाती है। यदि तत्काल ध्यान नहीं दिया जाये तो रोगी इस कदर डिप्रेशन का शिकार हो जाता है कि वह अनेक बार अपने मित्रों, ग्राहकों, पड़ोसियों, सहकर्मियों और परिजनों तक के नाम भूल जाता है।
  3. छोटा-मोटा हिसाब-किताब तक नहीं कर सकता। मन अत्यधिक शिथिल हो जाता है।
ऐसी अवस्था में यह दवा उपयोगी होती है। वियोग, जुदाई और असफल प्रेम सम्बन्धों के कारण अवसादग्रस्त अनेक रोगियों का मैंने सफल उपचार किया है। जिसमें अन्य दवाओं के साथ इस दवा की भी अहम भूमिका रही।
 
अन्य दवाइयां: उपरोक्त के अलावा लक्षणानुसार नेट्रम म्यूर, आॅरम मैटालिकम, स्टेफिसेग्रिया, नक्स वोमिका, इग्नेशिया, विरेट्रम एल्बम, कल्केरिया कार्बोनिका आदि होम्योपैथक अनेक दवाइयां रोगी की मानसिक एवं शारीरिक स्थिति के अनुसार उपयोगी हो सकती हैं। जिनका निर्धारण अनुभवी होम्योपैथ आसानी से कर सकते हैं।
कमजोरी का उपचार हेतु मेरे नुस्खे: 
डिप्रेसन से पीड़ित व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक रूप से अत्यधिक कमजोर हो जाते हैं। अत: उनकी कमजोरी के निदान हेतु मैं शुद्ध, ताजा एवं आॅर्गेनिक देशी दर्जनों जड़ी बूटियों से निर्मित ‘Rejuvenation Powder-कायाकल्प पाउडर’ एवं ‘Stimulator (Recharge and Stimulate Yourself)’ का भी सेवन करवाता हूं। जिससे कुछ ही महिनों में रोगी फिर से अपने आप को स्वस्थ और तरोताजा अनुभव करता है।
लेख का मकसद:
 
इस लेख को लिखने का मूल मकसद आम लोगों/पाठकों में यह समझ पैदा करना है कि जब किसी कारण से किसी भी व्यक्ति/परिजन को मानसिक परेशानी हो तो उसे डिप्रेशन कहकर हल्के से नहीं लें या उसे कैमीकलयुक्त दवाइयों के हवाले नहीं करें, बल्कि ऐसे हालात में पेशेंट के प्रति विशेष अपनापन, सहानुभूति और देखरेख का भाव रखते हुए उसे किसी योग्य होम्योपैथ को दिखायें तो आश्चर्यजनक परिणाम मिलेंगे।-21.11.2018

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *