आपके प्रतिरक्षा तंत्र (Immune System) को खराब (Damage) कर सकती हैं, आपकी अन-हेल्दी (Unhealthy Habits) आदतें!

आपके प्रतिरक्षा तंत्र (Immune System) को खराब (Damage) कर सकती हैं, आपकी अन-हेल्दी (Unhealthy Habits) आदतें!

हमारी मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली हमें अनेक प्रकार के संक्रमणों और अनेक तरह की बीमारियों से बचाती है। जबकि इसके विपरीत जैसे ही हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, हमें अनेक बीमारियां आ घेरती हैं।

हम में से कुछ लोगों को मौसम बदलते ही जुकाम, खांसी, छींकें, बुखार, सिरदर्द जैसी तकलीफें हो जाती हैं, जबकि हम देखते हैं कि अनेक दूसरे लोगों पर मौसम बदलने का कोई असर ही नहीं होता! आखिर इसकी कोई तो वजह होगी? वजह है हमारा रोग प्रतिरोधी तंत्र (Disease Preventive System) कमजोर होना। अगर कोई व्यक्ति साल में दो-तीन बार बीमार पड़ता हैं तो समझें उसका इम्यून सिस्टम (Immune System) अर्थात रोग प्रतिरोधक तंत्र कमजोर है। जिसको हमारी रोजमर्रा की आदतें भी कमजोर कर सकती हैं।

वैज्ञानिकों द्वारा यह बात अनेकों शोधों में सत्य सिद्ध की जा चुकी है कि इम्यून सिस्टम (Immune System) अर्थात हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली कुछ गलत आदतों से कमजोर हो जाती है। हमें हमारी कुछ अन-हेल्दी (Unhealthy) और गलत आदतें भी सामान्य, साधारण या सही लग सकती हैं, लेकिन उनका इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक असर पड़ता है। जानते हैं, ऐसी ही कुछ आदतों के बारे में जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर और खराब (Weak and Damage) कर सकती हैं:-

निराशावादी मनोदशा:

इम्यून सिस्टम की प्रोडक्टिविटी (Productivity of Immune System-प्रतिरक्षा प्रणाली की उत्पादकता) बहुत कुछ हमारी मनोदशा अर्थात माइंडसेट पर निर्भर करती है। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि इंसान का मानसिक स्वास्थ्य एवं शारीरिक स्वास्थ्य (Mental Health and Physical Health) एक-दूसरे से अंतरग रूप से जुड़े हुए होते हैं। यही वजह है कि गलत, निराशावादी और नकारात्मक मनोदशा (Wrong, Pessimistic and Negative Mood or Mindset) वाले लोग तुलनात्मक रूप से जल्दी बीमार पड़ते हैं। जबकि इसके विपरीत सही, आशावादी और सकारात्मक सोच (Right, Optimistic and Positive Thinking) रखने वाले लोग मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ बने रहते हैं और तुलनात्मक रूप से कम बीमार पड़ते हैं। मेरा व्यक्तिगत अनुभव भी इस तथ्य को सत्य सिद्ध करता है।

अधिक दवाई लेना:

लगातार और बात-बात पर दवाइयां खाने के अनेक प्रकार के नुकसान भी उठाने पड़ते हैं। लगातार एंटिबायोटिक्स लेने से इम्यून सिस्टम कमजोर और पूरी तरह से भी नष्ट (Weak and Completely Destroyed) हो सकता है। इसलिये एन्टीबायोटिक्स को लेकर सावधानी बरतना बेहद जरूरी है, क्योंकि ये फायदा कम और नुकसान ज्यादा (Less Profit and More Loss) पहुंचाते हैं। इनके उपयोग से इतनी कमजोरी (Weakness) आ जाती है कि इम्यून सिस्टम खुद को जब तक फिर से एक्टिवेट अर्थात सक्रिय करता है, तब तक आप दोबारा बीमार पड़ जाते हैं। अत: मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली निर्मित करने के लिये बात-बात पर दवाइयां लेने की आदत को सुधारना बहुत जरूरी है।

लगातार और दिनभर गर्म पानी पीना:

गले की पुरानी बीमारी, पाचन तंत्र की गड़बड़ियों को ठीक करने के लिये डॉक्टर गुनगुना या गर्म पानी (Hot or Lukewarm Water) पीने की सलाह देते हैं, जिसका लोग आंख बंद करके पालन करते हैं। गर्म पानी पाचन तंत्र और गले के विकारों को ठीक करने के लिए अच्छा साबित हो सकता है,

लेकिन नवीनतम वैज्ञानिक शोध यह सिद्ध करते हैं, कि लगातार और अधिक समय तक दिनभर गर्म पानी पीने से इम्यून सिस्टम कमजोर और डैमेज भी हो सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि कुछ दिन तक लगातार गर्म पानी पीने के परिणामस्वरूप हमारी बॉडी ठंडा वातावरण बिलकुल भी सहन नहीं कर पाएगी।

इसका दुष्परिणाम यह होगा कि बार-बार एलर्जी (Allergy) जैसा सर्दी-जुकाम होगा। अत: आज के बाद जब-जब भी गर्म पानी पिएं तो याद रखें कि पानी की यह गर्माहट आपको अंदर से कमजोर बना रही है।

बिना हाथ धोये भोजन-स्वच्छता की उपेक्षा:

बहुत से लोगों को हाथ धोने की आदत ही नहीं होती है। बिना हाथ धोये बेहिचक कुछ भी खा-पी लेते हैं। किसी ढाबे, थड़ी या ठेली पर जाकर नाश्ता करने या खाना खाने वालों में से बहुत कम हाथ धोते हैं। ऐसे स्थानों पर हाथ धोने की व्यवस्था भी नहीं होती है। जबकि स्वच्छता बनाये रखने के लिये भोजन से पहले और बार-बार हाथ धोते रहने की आदत डालना बहुत जरूरी है। अधिकतर लोग अक्सर इस आदत को नजरअंदाज कर देते हैं। हम में से हर एक को याद रखना जरूरी है की हाथ धोते रहने से बहुत-सी खतरनाक बीमारियों से बचाव संभव है। दिनभर में कम से कम पांच बार तो हाथ धो ही लेने चाहिए। शोधकर्ताओं की सलाह है कि स्वच्छता की उपेक्षा (Neglect of Hygiene) नहीं करें और हाथ धोने की आदत को बनाए रखने के लिए अपने मोबाईल पर रिमाइंडर डाल कर रखें। अन्यथा कमजोर इम्यून सिस्टम वालों को संक्रमित होने का खतरा बना ही रहेगा।

असामान्य शयनकक्ष:

हमेशा गर्म या बंद कमरे में ही सोना ठीक नहीं होता है, बल्कि थोड़े ठंडे कमरे में सोने की भी आदत डालें। इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखना चाहिये कि जहां भी सोयें, वहां भरपूर और आसानी से हवा आती हो। बंद कमरे में सोने से भी शरीर को बहुत नुकसान पहुंचता है और इससे हमारा इम्यून सिस्टम सीधे नकारात्मक रूप से प्रभावित होकर कमजोर होता है।

फास्ट फूड खाने की आदत:

जो भी युवा या बुजर्ग फास्ट फूड (Fast Food) खाने के शौकीन होते हैं, उनका इम्यून सिस्टम निश्चय ही कमजोर हो जाता है। इस कारण वे बार-बार बीमार पड़ने लगते हैं। जिन लोगों को फास्ट फूड खाने की अत्यधिक आदत (Excessive Habit) होती है-

  • धीरे-धीरे उनकी सामान्य भोजन को पाचने की क्षमता ही समाप्त होने लगती है।
  • फास्ट फूड खाने से बच्चों में डायबिटीज-2 (Diabetes-2) होने का खतरा भी बना रहता है।
  • फास्ट फूड खाने वालों का वजन बढता है।
  • फास्ट फूड से दिल का रोग होने का खतरा रहता है।
  • फास्ट फूड खाने वालों का ब्लड सर्कूलेशन रुक जाता है। अत: ब्लड दिमाग तक नहीं पहुंच पाता, जिसके कारण व्यक्ति की असमय मौत हो सकती है या लकवा हो सकता है।
  • फास्ट फूड खाने वालों को अस्थमा हो सकता है। जिन्हें पहले से अस्थमा की तकलीफ हो उन्हें तो फास्ट फूड बिलकुल भी नहीं खाना चाहिये।
  • फास्ट फूड खाने वालों के शरीर में फैट (Fat) बढ जाता है, जो लीवर को खराब कर सकता है। लीवर खराब होने से सम्पूर्ण पाचन तंत्र (Whole Digestive System) गड़बड़ा सकता है।
  • अत: फास्ट फूड खाते समय याद रखें, यह आपका दोस्त नहीं, बल्कि आपके इम्यून सिस्टम तथा सम्पूर्ण जीवन का दुश्मन है।

पर्याप्त नींद नहीं लेना:

आप चाहे कितनी भी अच्छी डाइट लें और चाहे प्रतिदिन कितनी भी एक्सरसाइज (Exercises) करें, लेकिन यदि नियमित रूप से पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो आपकी डाइड तथा एक्सरसाइज/व्यायाम भी आपको रोगों से बचाकर नहीं रख सकते हैं। क्योंकि बिना पर्याप्त नींद (Enough Sleep) लिये हमारा प्रतिरोधी तंत्र कमजोर हो जात है। अत: कम सोने की आदत को तुरंत बदलें।

तनाव एवं दबाव:

जिन लोगों को किन्हीं कारणों से लगातार तथा लम्बे समय तक तनाव और हालातों के दबाव झेलने पड़ते हैं, उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। ऐसे लोगों को जुकाम, डायबिटीज, दिल की बीमारी आदि होने का हमेशा खतरा बढ जाता है। अत: तुरंत किसी मानव व्यवहारशास्त्री (Human Behaviorist) से सम्पर्क करें और उन्हें अपनी मानसिक उलझनों (Mental Confusion) को बेहिचक बताकर, उनसे व्यावहारिक समाधान प्राप्त करें। अन्यथा इम्यून सिस्टम कमजोर होकर आपके जीवन को खतरा बढ जायेगा।

शारीरिक श्रम या व्यायाम नहीं करना: सामान्यत: व्यायाम नहीं करने वाले लोग पांच तरह के होते हैं:-

1. जिनको व्यायाम या शारीरिक श्रम करने का शौक नहीं होता।
2. जिन्हें व्यायाम या शारीरिक श्रम करने का समय नहीं मिलता।
3. जिन्हें व्यायाम या शारीरिक श्रम करने में शर्म आती है।
4. जिन्हें व्यायाम या शारीरिक श्राम करने का महत्व नहीं पता।
5. जिन्हें आलस्य या व्यस्तता के अलावा कुछ नहीं सूझता।

मगर शरीर का रोग प्रतिरोधक तंत्र तीनों प्रकार के लोगों में से किसी पर भी रहम नहीं करता। जो लोग व्यायाम या शारीरिक श्रम नहीं करते, उनका प्रतिरोधी तंत्र इतना कमजोर हो जाता है कि ऐसे लोगों को अनेकानेक बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। अत: आज से ही नियमित रूप से व्यायाम और शारीरिक श्रम करने की आदत डालें। अधिक कुछ नहीं कर सकते तो नियमित रूप से युवा दौड़ने की तथा बुजुर्ग 5 से 7 किलोमीटर घूमने की आदत डालें।

मौसमी फल और हरी सब्जियां खायें:

हरी सब्जियों तथा फलों में ऐसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो इंसान के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। अत: दैनिक भोजन में किसी भी रूप में मौसमी फल एवं हरी सब्जियां खाने की आदत डालें।

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