पथरी तोड़क व्हीट ग्रास एवं नींबू ज्यूस (Stone Breaker Wheatgrass and Lemon Juice)

 
सावधानी Caution: पथरी के इलाज के साथ कुछ परहेज बहुत जरूरी हैं। क्योंकि किडनी की पथरी में जितनी जरूरत इसके तत्काल इलाज की होती है, उतनी ही जरूरत कुछ खाद्यों/पेयों से परहेज की भी होती है। जिससे के पथरी बढ़े नहीं और दवाइयों के सेवन से धीरे-धीरे पथरी आसानी से घुल जाए। अत: पथरी से पीड़ित रोगी को निम्न परहेज करने जरूरी हैं:—
 
  • 1. बीज वाले खाद्य पदार्थों जैसे टमाटर, मिर्च आदि नहीं खाने चाहिये या बहुत कम खाने चाहिये।
  • 2. सोडियम की वजह से भी पथरी बढ़ती है। इसलिये नमक का प्रयोग न्यूनतम करें और हाई सोडियम वाले खाद्य पदार्थ जैसे बादाम, मूंगफली आदि बिलकुल भी नहीं खायें।
  • 3. अंडा, मीट, मछली, पालक, चुकंदर, चॉकलेट, चाय, पालक, गैहूं का चौकर, स्ट्राबेरी आदि नहीं खायें तथा कोका कोला का सेवन नहीं करें।

गैहूं का जवारा अर्थात व्हीट ग्रास (Wheatgrasss) को पानी में अच्छी तरह उबाल कर, इसमें नींबू का रस मिक्स करके दिन में 2 बार खाली पेट इसका सेवन करने से गुर्दे से पथरी टूटकर बाहर निकल जायेगी। मूत्राशय (Urinary Bladder) कि पथरी के लिए तो यह अच्छा परिणामदायी पेय माना गया है। इसके अलावा इसका सेवन किडनी से जुड़ी अनेक बीमारियों को भी दूर करता है। इसके रस के सेवन से शारीरिक शक्ति तथा रोग प्रतिरोधक शक्ति (Immunity) में अपार वृद्धि होती है। इसके विधिवत सेवन से कैंसर, हैपेटाइटिस, एलर्जी, चर्मरोग, अपच आदि अनेकों रोगों/तकलीफों से बचा जा सकता है।

गेहूँ के ज्वारे का रस: गेहूँ के ज्वारे से रस निकालते समय यह ध्यान रहे कि गेहूँ की पत्तियों में से नीचे का जड़ वाला सफेद हिस्सा काटकर फेंक दे। यह ध्यान रहे कि जिस ज्वारे से रस निकाला जाय उसकी ऊंचाई अधिकतम पांच से छः इंच ही हो। केवल हरे हिस्से का ही रस सेवन करना विशेष लाभकारी होता है। रस निकालने के पहले ज्वारे को अच्छ से धो लेना चाहिये।

उपरोक्त पेय के साथ में हमारे द्वारा अनेक महत्वपूर्ण ऑर्गेनिक जड़ी-बूटियों से निर्मित Stone Dissolvent Powder (पथरी घोलक पाउडर) भी रोगियों को पीने को दिया जाता है। इन दोनों के सेवन से एक से दो महिने में 90 फीसदी से अधिक रोगियों को किडनी की पथरी से मुक्ति मिल जाती है। यद्यपि बहुत बड़ी, सख्त/कठोर, विकृत आकार (Distorted Shape/Size) की पथरी के मामलों में समय अधिक लग सकता है। पथरी के पेशाब नली में फंस जाने सहित कुछ अत्यधिक पीड़ादायक आपवादिक मामलों में रोगी को सर्जरी करवाने की जरूरी भी पड़ सकती है।

नोट: किसी भी रोगी को खुद अपना इलाज करने का खतरा नहीं उठाना चाहिये। क्योंकि पथरी के आकार (Shape/Size) के अनुसार उचित दवाई एवं दवाई की सही मात्रा का निर्धारण अनुभवी चिकित्सक ही कर सकता है।

यदि आप किसी लाइलाज समझी जाने वाली तकलीफ के कारण लम्बे समय से बीमार या अस्वस्थ या परेशान हैं तो निरामय उपचार हेतु आपके निकट के किसी आयुर्वेद और, या होम्योपैथी के डॉक्टर से सम्पर्क करें। साथ ही अनेकानेक स्वास्थ्य सम्बन्धी विषयों की अधिक जानकारी और रोगियों के अनुभवों की जानकारी हेतु हमारी निम्न वेबसाइट पर विजिट/क्लिक करके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बने।-08 अक्टूबर, 2018

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