शहद और लहसुन के अनुभवसिद्ध उपयोग (Experienced Uses of Honey and Garlic)

 

आदिम युग से संसार भर (Worldwide) के मूलवासी (Aborigines-आदिवासी) अपनी बीमारियों का प्राकृतिक तरीके से उपचार करते आये हैं। इस अमूल्य ज्ञान को बिना लेखबद्ध किये केवल किवदंतियों और कथा-कहानियों के अनुसार हजारों सालों तक पीढी दर पीढी आगे बढाया जाता रहा है। कालांतर में इसी ज्ञान को भारत में आयुर्वेद नाम दिया गया और धनवंतरी को आयुर्वेद का जन्मदाता घोषित कर दिया गया। जिसका लाभ यह हुआ कि जड़ी-बूटियों को लेखबद्ध किया जाने लगा और उनका लाभ वृहद स्तर (Large Level) पर मिलने लगा। जिससे मानवता का बहुत भला हुआ है। यद्यपि अभी भी गोपनीयता, अशिक्षा, अनुदारता या अन्य कारणों से संसार के अनेक आदिवासी कबीलों को प्राप्त जड़ी-बूटियों के ज्ञान की जानकारी सार्वजनिक नहीं हो पायी है। फिर भी आयुर्वेद के शोधार्थियों ने अपना काम जारी रखकर बहुत सी जड़ी-बूटियों तथा दवाईयों और उनके मिश्रण को मानव जीवन के लिये उपयोगी बनाया है। इसी क्रम में शहद और लहसुन के मिश्रण के कुछ अनुभवसिद्ध नुस्खे जनहित में यहां प्रस्तुत कर रहा हूं:-

सामग्री:

1. आर्गेनिक (Organic-जैविक) लहसुन की मध्यम आकार की 2 कलियां।
2. छोटी मधुमक्खी का शुद्ध जंगली शहद एक चम्मच।

बनाने की विधि (Recipe):

लहसुन को कलियों को छीलकर, उन्हें हल्‍का सा कुचल या कूट कर चटनी जैसा बना लें और फि‍र इनको शहद में मिला लें। कलियों को शहद में 5 मिनट तक रखे रहने दें, जिससे लहसुन की कलियों की चटनी में शहद अंदर तक भर जाये।

सेवन विधि:

उक्त शहद में डूबी हुई लहसुन की कलियों की चटनी को प्रतिदिन सुबह खाली पेट अच्छे से चबा-चबाकर खाना चाहिये। ध्यान रहे इन्हें केवल खाली पेट ही सेवन करना उपयोगी रहेगा।

सेवन के लाभ:

1. कोलेस्ट्रॉल का दुश्मन (Enemy of Cholesterol): शहद और लहसुन में प्राकृतिक तरीके से कोलेस्ट्रॉल को कम करने के गुण पाये जाते हैं। अत: शहद और लहसुन यह मिश्रण जहां एक ओर कोलेस्ट्रॉल का बनना रोकता है, वहीं दूसरी ओर हमारे हृदय की धमनियों में पहले से जमे हुए कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में भी मददगार सिद्ध होता है।

2. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये (Increase the Immunity): जिन लोगों को जरा सा मौसम बदलते ही सर्दी-जुकाम हो जाती है या जिन्हें बार-बार बीमारियां होती ही रहती हैं। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है। अत: जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम है, उनको लहसुन एवं शहद के उक्त मिश्रण/चटनी का विशेषकर सर्दियों में अवश्य सेवन करना चाहिये।

3. संक्रामक रोधी (Anti-infectious): किसी भी तरह के फंगल संक्रमण (Fungal Infection) से बचाव हेतु शहद और लहसुन के मिश्रण का सेवन लाभकारी है। एंटी बैक्टीरियल एवं एंटी फंगल गुणों से भरपूर (Anti-bacterial and Anti-fungal Properties) यह मिश्रण हमें अनेक प्रकार के इंफेक्शन/संक्रमण से से बचाए रखने में सहायक होता है। लेकिन जिनका पाचन तंत्र (Digestive System) ठीक नहीं है, उन्हें सबसे पहले अपनी पाचन प्रणाली (Digestive System) को ठीक करना चाहिये।

4. गले की समस्याएं (Throat Problems): सर्दियों में होने वाली गले की समस्याएं, जैसे खराश व सूजन आदि में शहद और लहसुन के मिश्रण का उपयोग फायदेमंद रहता है। एंटी इंफ्लेमेटरी (Anti Inflammatory) गुणों से भरपूर होने के कारण यह बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ है।

5 सर्दी जुकाम (Cold and Cough): सर्दी जुकाम से बचने के लिए शहद और लहसुन के इस मिश्रण का प्रयोग फायदेमंद रहता है। तासीर में गर्म होने के कारण यह सर्दी से उत्पन्न होने वाले सभी प्रकार के रोगों से आराम दिलाने में काफी कारगर सिद्ध होता रहा है।
लेखन दिनांक: 23.11.2018, सम्पादन: 24.01.2019

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