शुक्राणुओं (स्पर्म काउंट) को कैसे बढायें? (How To Increase Sperm Count)

 
हर एक स्वस्थ पुरुष के शरीर में प्रति सेकेंड स्पर्म्स (Sperms) यानी शुक्राणु बनते ही रहते हैं, परंतु वर्तमान भागदौड़ भरी तनावपूर्ण जिंदगी तथा भौतिकतावादी आधुनिक जीवनशैली के कारण अनेकानेक पुरुष शुक्राणुओं की कमी की समस्या का सामना रहे हैं। केवल इतना ही नहीं, बल्कि पुरुषों में शुक्राणुओं की गुणवत्ता (Quality of Sperms) भी लगातार घट रही है। स्पर्म काउंट (Sperm Count) यानी शुक्राणु संख्या कम होने से पुरुषों की फर्टिलिटी (Fertility) यानी प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक असर (Negative Effect) पड़ रहा है।
 
वैज्ञानिकों का कहना है कि पुरुषों की प्रजनन अक्षमता से जुड़ी 90 फीसदी समस्याएं शुक्राणुओं की कमी के कारण ही होती हैं। बहुत कम पुरुष इस बात को जानते हैं कि शुक्राणु संख्या कम या अधिक होने का सीधा संबंध दैनिक खानपान से जुड़ा होता है। हमारी डायट (Diet) यानी आहार की गुणवत्ता जितनी अच्छी होगी, स्पर्म काउंट भी उतना ही अच्छा होगा। अत: मेरी सलाह है कि निर्धारित सम्पूरक तत्वों या द्रव्यों और दवाईयों के सेवन साथ-साथ, पुरुषों को अपनी आर्थिक स्थिति एवं सुविधानुसार निम्न में से कुछ खाद्य पदार्थों/द्रव्यों का सेवन करना भी शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ सेक्सलाइफ (Sex Life) अर्थात दाम्पत्य जीवन (Marital Life) को बेहतर बनाने में मददगार होता है।
 
अनेक वैज्ञानिक तथा क्लीनीकल अध्ययनों और परीक्षणों में कम शुक्राणु या शुक्राणुओं की गुणवत्ता में कमी का बड़ा कारण निष्क्रिय जीवनचर्या/निष्क्रिय जीवन शैली (Inactive Lifestyle) एवं अनेक पुरुषों में जस्ता (जिंक-Zinc) के स्तर में कमी को बताया जाता है। जबकि यह वैज्ञानिक सत्य है कि जस्ता सल्फेट (Zinc Sulphate) और फोलिक एसिड (Folic Acid) सप्लीमेंट का उपयोग शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में उपयोग होता है। इसके साथ यह भी समझने वाली बात है कि निष्क्रिय जीवनचर्या/निष्क्रिय जीवन शैली स्वस्थ व्यक्ति को भी बीमार बना देती है। एक और बात जिन पुरुषों को शुक्राणुओं की किसी भी प्रकार की समस्या है, उन्हें अप्राकृतिक रीति से शुक्रक्षय नहीं करना चाहिये। अर्थात हस्तमैथुन एवं गुदामैथुन से बचें। (Avoid Masturbation and Anal Sex)
 
अत: निष्कर्ष के रूप में, समझने वाला महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि शारीरिक तथा मानसिक निष्क्रियता एवं जस्ता (जिंक) का कम सेवन मानव शरीर में शुक्राणुओं की कमी और पुरुष बांझपन का कारण बन सकता है। इसलिये शुक्राणुहीनता/अशुक्राणुता (Azoospermia) या अल्पशुक्राणुता (Oligospermia) की समस्या से पीड़ित पुरुषों को चाहिये कि वे शर्म, संकोच और झिझक को छोड़कर किसी अनुभवी डॉक्टर से विधिवत उपचार लें और साथ ही अपने आप को शारीरिक रूप से सक्रिय रखें और तनावों से मुक्त रहें। नियमित रूप से हल्का व्यायाम करें। साथ ही प्राकृतिक रीति से जिंक का सेवन करना बहुत जरूरी है।
 
मैं विश्वासपूर्वक कह सकता हूं कि शुक्राणुहीनता या अल्पशुक्राणुता के बारे में ज्यादा सोचने और घबराने की जरूरत नहीं है, बस अपनी प्रतिदिन की आदतों में और खासतौर पर खान-पान की आदतों में बदलाव लाकर इस कारण होने वाले टेंशन को दूर किया जा सकता है। आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाइयों के साथ में नाश्ते, लंच और डिनर में कुछ फल और पोष्टिक तत्वों को शामिल कर आप अपनी प्रजनन क्षमता में बढोतरी कर सकते हैं।
 

यहां पर जिंक के कुछ प्रमुख स्रोतों की जानकारी दी जा रही है:-

 
1. अखरोट (Walnut): ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acid) स्पर्म काउंट व मेल ऑर्गन्स (Mail Organs) में ब्लड फ्लो बढ़ाने में मदद करते हैं। अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड का बढ़िया स्रोत है। रोज़ाना एक मुट्ठी अखरोट खाने से निश्चित रूप से स्पर्म की संख्या बढ़ेगी और स्पर्म का आकार भी बेहतर होगा।
 
2. अनार (Pomegranate): अनार: अनार एंटी-ऑक्सीडेंट का खजाना होता है, इसलिए वह शुक्राणुओं को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार तत्वों की मात्रा को शरीर में कम कर देता है। नियमित अंतराल पर अनार को भोजन में शामिल करने से शुक्राणु की क्वालिटी में सुधार होने के साथ यौनशक्ति भी बढ़ती है।
 
3. अलसी (Flaxseeds/Linseeds): अलसी बीज पौष्टिकता का भंडार हैं। अलसी में भी ओमेगा-3 फैटी एसिड के अलावा जिंक भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर को स्वस्थ बनाये रखने में विशेष रूप से सहायक होता है। वैज्ञानिक परीक्षणों से सिद्ध हुआ है कि अलसी में निहित ओमेगा-3 फैटी एसिड एवं जिंक शुक्राणु निर्माण में विशेष सहायक है। अलसी के बीजों में कैल्शियम, आयरन, विटामिन बी एवं विटामिन ई भी पाया जाता है। अलसी के बीज एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। इनका सेवन करने से कब्ज दूर होती है। अस्थमा के रोगियों के लिए भी इन बीजों का सेवन विशेष उपयोगी है। इनमें एंटी-इंफ्लेमेंटरी व एंटी-कैंसर प्रौपर्टीज/गुण भी मौजूद होते हैं।
 
4. ऑइस्‍टर (Oyster): ऑइस्‍टर बहुत ही हेल्‍दी सी/समुद्री फूड है (Oyster is very healthy seafood), क्‍योंकि इसमें समुद्र से पाये जाने वाले कई तरह के मिनरल समाहित होते हैं, जिसमें से जिंक आम है। इसके अलावा इसमें विटामिन बी 12, आयरन, कॉपर और सेलेनियम भी प्रचुर मात्रा में होता है। लेकिन ऑइस्‍टर में कोलेस्ट्रॉल ज्‍यादा होने के कारण इसे डॉक्टर की सलाह से सही मात्रा में खाया जाना चाहिए।
 
5. अंडे की जर्दी (Egg Yolk): हालांकि अधिकतर डॉक्‍टर अंडे की जर्दी खाने के लिए मना करते हैं, क्‍योंकि इसमें कोलेस्‍ट्रॉल बहुत अधिक मात्रा में होता है। लेकिन अगर आपको अंडा खाने से परहेज नहीं है और जिंक चाहिए तो आपको अपने आहार में अंडे के पीले भाग/जर्दी को शामिल करना चाहिए। जिंक के अलावा अंडे के पीले भाग में कैल्‍शियम, आयरन, फॉस्‍फोरस, थाइमिन, विटामिन बी6, फोलेट, विटामिन बी12 और पैंथोनिक एसिड भी पाया जाता है। प्रोटीन व विटामिन ई से भरपूर अंडे स्वस्थ शुक्राणुओं के उत्पादन में मदद करते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, यह स्पर्म काउंट (Sperm Count) बढ़ाने के साथ-साथ प्रजनन क्षमता को कम करने वाले फ्री रेडिकल्स से लड़ने में भी मदद करते हैं। इसलिए रोजाना दो अंडे सेवन कीजिए।
 
6. कद्दू के बीज (Pumpkin Seeds): इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड मेल ऑर्गन्स (Mail Organs) में रक्त संचार बढ़ाते हैं। रोजाना एक मुठ्ठी कद्दू के बीज खाने से शरीर में टेस्टोस्टेरॉन (Testosterone) नामक सेक्स हार्मोन (Sex Hormone) का स्राव होता है, जो स्पर्म काउंट बढ़ता है।
 
7. केला (Banana): केला पुरुषों के सेक्सुअल हेल्थ (Sexual Health) के लिए अच्छा होता है। केले में ब्रोमेलिन नामक एंजाइम पाया जाता है, जो पुरुषों की कामेच्छा बढ़ाने व सेक्स हार्मोन्स को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन ए, बी 1 और सी पाया जाता है, जो पुरुषों में शुक्राण पैदा करने की क्षमता को बढ़ाते हैं।
 
8. जिनसेंग (Ginseng): सालों से चली आ रही इनफर्टिलिटी (Infertility) की समस्या को दूर करने के लिए इस चमत्कारी पौधे का प्रयोग किया जा रहा है। यह शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन (Testosterone Hormone) के लेवल को बढ़ाता है और पुरुषों के जननांगों में ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) को तेज करता है। अतः जिनसेंग युक्त चाय पिएं या रात में सोने से पहले आधा टी-स्पून जिनसेंग पाउडर ग्रहण करें।
 
9. डार्क चॉकलेट (Dark Chocolate): डार्क चॉकलेट्स में एमिनो एसिड्स (Amino Acids) पाए जाते हैं। जो स्पर्म काउंट दोगुना करने के साथ ही वीर्य को गाढ़ा बनाने में भी मदद करते हैं। डार्क चॉकलेट में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो पुरुषों की फर्टिलिटी/प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने वाले फ्री रेडिकल्स (Free Radicals) को दूर करने में मददगार होते हैं। लेकिन बहुत ज़्यादा चॉकलेट नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे वजन बढ़ सकता है, जिसकी वजह से शरीर में टेस्टोस्टेरॉन नामक सेक्स हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है, नतीजतन स्पर्म काउंट बढने के बजाय घटने लगता है। दिनभर में एक टुकड़ा डार्क चॉकलेट खाना काफी होता है। चॉकलेट जितना डार्क होगा, स्पर्म काउंट बढ़ाने में उतना ही फायदेमंद होगा।
 
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10. तिल (Sesame Seeds): तिल में बहुत अधिक मात्रा में जिंक पाया जाता है। (Zinc is found in very high quantities of Sesame Seeds) साथ ही इसमें जिंक के अलावा कई प्रकार के प्रोटीन, कैल्शियम, बी काम्‍प्‍लेक्‍स और कार्बोहाइट्रेड आदि तत्‍व भी पाये जाते हैं। तिल में फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है। तिल मोनो-सैचुरेटेड फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।
 
11. पालक (Spinach): पालक में फॉलिक एसिड पाया जाता है, जो शुक्राणुओं के उत्पादन के लिए बहुत जरूरी पोषक तत्व है। पालक स्वस्थ शुक्राणुओं के उत्पादन में मदद करता है। शरीर में फॉलिक एसिड की कमी होने पर अस्वस्थ स्पर्म्स पनपते हैं। जिसके कारण स्पर्म्स को स्त्री के एग तक पहुंचने में दिक्कत होती है। अत: ताजा ऑर्गेनिक पालक का नियमित सेवन करें।
 
12. फलियां (Legumes): प्रोटीन से भरपूर फलियों में जिंक की मात्रा काफी अधिक होती है। जिंक की कमी को पूरा करने के लिए फलियों का सेवन करना बहुत ही सुरक्षित तथा जरूरी आत है। इसलिए राजमा, दालें तथा सोयाबीन को अपने आहार में शामिल करें। हालांकि राजमा में प्रोटीन और जिंक दोनों की मौजदूगी होती हैं, लेकिन इसे एक सीमित मात्रा में ही खाइये, क्‍योंकि इसमें मोटापा बढाने वाले तत्‍व भी होते हैं। मोटापा शुक्राणुओं तथा यौन क्षमता का दुश्मन है।
 
13. ब्रोकली (Broccoli): शरीर में विटामिन ए की कमी से प्रजनन क्षमता कम होती है, क्योंकि इसकी कमी से स्पर्म्स सुस्त हो जाते हैं। इससे बचने के लिए अपने खाने में विटामिन ए से भरपूर ब्रोकली, (जिसे ब्रोकोली भी कहते हैं) शामिल करें। इसका सेवन करने से शुक्राणु एक्टिव व हेल्दी (Active & Healthy) बनेंगे।
 
14. मशरूम (Mushroom): भारत में ही नहीं संसार भर में मशरूम को सुपर फूड के नाम से भी जाना जाता है। इसमें बहुत सारा जिंक पाया जाता है। साथ ही मशरुम में उपयोगी मिनरल जैसे, पोटेशियम, फॉस्‍फोरस, कैल्शियम और तमाम उपयोगी प्रोटीन पाये जाते हैं जो हमारे शरीर को हृदय रोग और कैंसर से बचाने में मदद करते हैं। मशरूम का सेवन करने से शुक्राणुओं की संख्या में बढोतरी होती और, या शुक्राणुओं की गुणवत्ता सुधरती है।
 
15. मूंगफली (Peanut): मंगफली जिंक का अच्छा स्रोत है। मूंगफली में होने वाले विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व इसे स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी बनाते हैं। इसमें विटामिन, मिनरल्स, न्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं। जिससे शरीर को स्वस्थ रखना न केवल मुमकिन है, बल्कि यह एनर्जी का अच्छा स्रोत है। इसमें विटामिन B कॉम्प्लेक्स,नियाचिन, रिबोफ्लेविन, थियामिन, विटामिन B6, विटामिन B9 और पेंटोथेनिक एसिड पाये जाते हैं जो इसकी पौष्टिकता में इजाफा करते हैं। इसमें पोटेशियम, मैग्नीज, कॉपर, केल्सियम,आयरन, सेलेनियम और ज़िंक जैसे अतिआवश्यक मिनरल्स पाए जाते हैं जो कि शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि तथा स्वस्थ शुक्राणुओं के लिये सहयोगी होते हैं। इसके अलावा शरीर में होने वाले विभिन्न तरह के फंक्शंस के लिए भी उक्त पोष्टिक तत्वों की बहुत जरूरत होती हैं।
 
16. लहसुन (Garlic): लहसुन में भी बहुत सा जिंक पाया जाता है। प्रतिदिन मध्यम आकार की लहसुन की एक कली के सेवन से शरीर को विटामिन ए, बी और सी के साथ आयोडीन, आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व भी मिल जाते हैं। लहुसन में एंटी बैक्‍टीरियल और एंटी-फंगल गुण भी पाये जाते हैं। जो अनेक प्रकार के चर्म रोगों से निजात दिलाने में समर्थ हैं। इसमें दो जादुई सत्व पाए जाते हैं-पहला है एलिसिन (Allicin-A pungent oily liquid with antibacterial properties), जो पुरुषों के सेक्सुअल ऑर्गन में ब्लड फ्लो को बढ़ाता है और स्पर्म को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है और दूसरा है सेलेनियम (Selenium-a gray crystalline non metal with semiconducting properties)-यह एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant-a substance that inhibits oxidation, especially one used to counteract the deterioration of stored food products-एंटीऑक्सीडेंट एंटीऑक्सिडेंट-एक पदार्थ जो ऑक्सीकरण को रोकता है, विशेष रूप से संग्रहित खाद्य उत्पादों की गिरावट का प्रतिकार करने के लिए उपयोग किया जाता है।] है, जो शुक्राणुओं की गतिशीलता (Dynamics of Sperms) को बढ़ाता है। प्रति दिन अधिकतम दो लहसुन की कलियां खाना पर्याप्त होगा।
 

जिंक की कितनी मात्रा जरुरी है?

बच्चों के लिए पर्याप्त मात्रा में जस्ता (जिंक) का सेवन बहुत आवश्यक होता है, क्योंकि जस्ता की मात्रा में थोड़ी से भी कमी बच्चों की वृद्धि में बाधा डाल सकती है, इस स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है और दस्त तथा श्वसन रोग होने का खतरा भी बना रहता है।
 
पुरुष:
1. 1 से 8 साल तक की उम्र के बच्चों के लिए 3-5 मिलीग्राम (milligrams) जिंक की मात्रा आवश्यक होती है।
2. 9 से 13 वर्ष के लड़कों/किशोरों के लिए प्रति दिन 8 मिलीग्राम जस्ता की आवश्यकता होती है।
3. 14 साल की उम्र के बाद, प्रत्येक वयस्क को प्रतिदिन 11 मिलीग्राम (milligrams) अधिक जस्ता (जिंक) आवश्यक हो जाता है।
 
महिला:
1. 8 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए, जस्ता (जिंक) की आवश्यकता प्रति दिन 8 मिलीग्राम पर ही स्थिर रहती है, 14 से 18 आयु के लिए प्रति दिन 9 मिलीग्राम की सिफारिश की जा सकती है।
2. उम्र के आधार पर गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रति दिन 11 से 13 मिलीग्राम (milligrams) तक जस्ता की आवश्यकता बढ़ जाती है।
 
कैसे सेवन करें?
जस्ता (जिंक) की खुराक कैप्सूल और टैबलेट के रूप में भी बाजार में उपलब्ध है। इसके बावजदू भी प्राकृतिक स्रोतों से मिलने वाला जिंक ही सर्वश्रृेष्ठ होता है। चूँकि जिंक की अधिक मात्रा मानव शरीर पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। जिंक की मात्रा व्यक्तियों द्वारा एक सीमा तक ही सहन की जा सकती है। हालांकि, जिंक के लिए शरीर की सहनशीलता/स्वीकार्यता, 18 साल से अधिक उम्र के पुरुषों और महिलाओं के लिए 40 मिलीग्राम तक है।
 

शुक्राणुओं की समस्याओं से ग्रस्त पुरुषों के लिये कुछ अन्य घरेलू उपाय:-

  • 1-शतावरी, अश्‍वगंधा व सफेल मूसली को मिलाकर पाउडर तैयार करें। इस मिश्रण को सुबह-शाम तीन-तीन ग्राम एक ग्लास दूध से लें। या
  • 2-एक ग्राम इलायची के दानें, एक ग्राम जावित्री, 10 ग्राम मिश्री को पांच बादाम के पेस्ट में मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं। या
  • 3-रोज़ाना आधा ग्राम जायफल पाउडर पानी के साथ लें। या
  • 4-चार-पांच बादाम को रातभर पानी में भिगोएं, सुबह पीसकर महीन पेस्ट बनाकर एक ग्लास दूध में डालकर दूध उबालें. उसमें एक चम्मच देसी घी व मिश्री डालकर पिएं। या
  • 5-एक चम्मच शहद में उतनी ही मात्रा में प्याज़ का रस व अदरक का रस मिलाकर पिएं।

शुक्राणुओं की समस्याओं से ग्रस्त पुरुष निम्न बातों का भी ध्यान रखें:-

  • 1-तनाव से दूर रहें। हमेशा तनाव में रहने से शुक्राणुओं की संख्या व उनकी गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
  • 2-किसी भी रूप में शराब का सेवन करना शुक्राणुओं को कम, कमजोर या नष्ट करना है।
  • 3-हुक्का, बीड़ी, सिगरेट, गुटका आदि किसी भी रूप में धूम्रपान करने से बचें।
  • 4-शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए योग का सहारा लें। रोज़ाना भस्त्रिका प्राणायाम, हलासन, सूर्यनमस्कार, सेतूबंधासन व धनुरासन करें। इससे प्रजनन क्षमता व शुक्राणुओं की संख्या बढ़ने में मदद मिलती है।
  • 5-गर्म पानी से नहाने से शुक्राणुओं के कमजोर या नष्ट होने का खतरा बना रहता है। 40 डिग्री से उससे अधिक गर्म पानी से नहाने से शुक्राणुओं की संख्या घटने या पूरी तरह नष्ट होने का खतरा बना रहता है।
  • 6-स्टीम बाथ से बचें।
  • 7-सेक्स के दौरान अत्यधिक ल्यूब्रिकेन्ट का प्रयोग न करे। इससे शुक्राणु मर सकते हैं।
  • 8-लैपटॉप को जांघ पर रखकर काम नहीं करें।
  • 9-मोबाइल को हमेशा अपनी पैंट की जबे/पॉकेट में नहीं रखें।
  • 10-सोयाबीन मिल्क का सेवन न करें, क्योंकि सोयाबीन शुक्राणुओं को नुकसान पहुंचाता है।
  • 11-एक अध्ययन से पता चला है कि जो पुरुष रोजाना तीन या उससे अधिक कप कॉफी का सेवन करते हैं, उनके शुक्राणुओं की संख्या व गुणवत्ता कम होती है। अतः ज़्यादा चाय या कॉफी पीने से बचें।
  • 12-ज़्यादा कसा हुआ अंडरवियर न पहनें। रात में जीन्स पहनकर न सोएं। ढीला-ढाला पायजामा या लुंगी पहनकर सोने की आदत डालें।-18.01.2019

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