बहुत ही उपयोगी औषधि: इंडिगोफेरा स्पिकाटा-Indigofera Spicata

 

बहुत ही उपयोगी औषधि: इंडिगोफेरा स्पिकाटा-Indigofera Spicata

यहां फोटो में दिखाई दे रहा औषधीय पौधा अफ्रीका मूल का है। जिसे indigofera spicata नाम से जाना जाता है। बरसात के मौसम में यह हमारे देश में किसी भी खाली पड़ी भूमि पर या सड़क के किनारे देखने को मिल जायेगी। यह भूमि पर चिपक कर फैला हुआ रहता है। यह पौधा जब पूर्ण विकसित हो जाता है तो इसमें गुलाबी रंग के बहुत छोटे सुन्दर पुष्प देखे जा सकते हैं।

उपयोग निसिद्ध: इसका सेवन किसी गर्भणी को कदापि नहीं करावें। इससे गर्भपात हो जाने की पूर्ण आशंका बनी रहती है।

उपयोग: स्वास्थ्य लाभ हेतु इस पौधे के पंचांग यानी पांचों अंग जैसे जड़, तना, पत्ते, फूल और फल उपचार हेतु उपयोग किये जाते हैं। इसके कुछ अनुभवसिद्ध औषधीय उपयोग यहां बताये जा रहे हैं, लेकिन किसी #हेल्थ_एक्सपर्ट यानी जड़ी-बूटियों के जानकार की सलाह से ही इसका सेवन करें।

1. किसी भी कारण से होने वाले दस्त को रोकने के लिये यह उत्तम औषधि है।
2. विशेष रूप से जिन छोटे बच्चों के पेट में कृमि/चिनूणे होते हैं और साथ में दस्त हो जाते हैं। उनके लिये तो यह बहुत ही उपयोगी औषधि है।
3. जब कभी गले में शोथ यानी सूजन हो जाती है, जिसे टांसिल कहा जाता है, के उपचार हेतु यह अच्छी औषधि है।
4. छाती में घड़घड़ाहट होने के साथ जुकाम हो जाने की स्थिति में विशेषकर तब, जबकि साथ में पेट सम्बन्धी कोई तकलीफ हो तो इसका सेवन लाभकारी होता है।

मात्रा: ताजा रस आधा मिलीलीटर से 3 मिलीलीटर तक। सूखे पंचांग का काढा 5 से 10 मिलीलीटर तक।
सेवन कब तक: कम से कम 3 बार और पूर्ण स्वस्थ होने तक।

किसी भी प्रकार की सलाह हेतु 8561955619 पर वाट्सएप कर सकते हैं। (प्लीज काल नहीं करें) हेल्थ अवेयरनेश की अधिक और नियमित जानकारी हेतु फेसबुक पर संचालित हेल्थ ग्रुप (https://www.facebook.com/groups/healthcarebyadiwasitau) एवं हेल्थ वेबसाइट (https://www.healthcarefriend.in) पर आपका स्वागत है।
जोहार यानी मां प्रकृति की जय हो।
आदिवासी ताऊ, काउंसलर, होम्योपैथ, परम्परागत उपचारक एवं संचालक-निरोगधाम, जयपुर, राजस्थान। 03.08.2021

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