पटाखे चलायें तो सावधानी उपचार-व्यवस्था जरूरी है

 

पटाखे चलायें तो सावधानी
उपचार-व्यवस्था जरूरी है

लेखक: आदिवासी ताऊ डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा
दीपावली पर न चाहते हुए भी किसी न किसी की लापरवाही या पटाखों की गुणवत्ता में कमी के कारण देशभर में हजारों लोगों को आपात स्थिति का सामना करना पड़ता है। अनेकों के शरीर के अंग जल जाते हैं। अत: सबसे पहले तो इस बात का ध्यान रखें कि पटाखे चलाते समय पूरी सावधानी रखें। जिससे किसी भी प्रकार की दुर्घटना हो ही नहीं। इसके बावजूद भी यदि कोई घटना घट ही जाये तो आप को कुछ जरूरी बातों का खयाल रखना चाहिये। पहली बात तो यह कि् आप जब कोई जल जाये और गंभीर घाव पड़ जाये तो फिर घरेलू इलाज के रूप में तुरंत जीवाणुरहित पट्टी बांधें, पट्टी को हल्का-हल्का लगाइए जिसके कारण जली हुई त्वचा पर जलन न हो और तुरंत नजदीकतम डॉक्टर को दिखायें। यदि बिना घाव के कम या ऊपरी हिस्सा ही जला हो तो ध्यान दें कि आपको क्या करना है और क्या नहीं करना है?

क्या करें?

1. पटाखे चलाने से पहले ही टब या बाल्टी में ठंडा पानी भरकर रखें, जिससे आपात स्थिति में उस पानी में जले हुए अंग को 10 से 15 मिनट तक डुबो कर रखा जा सके।
2. ठंडा पानी नहीं हो तो जैसा भी पानी उपलब्ध हो उसे जले अंग पर डालें। हो सके तो जले अंग को नल के पानी के नीचे रखें, लेकिन नल की धार पतली/हल्की ही रखें।
3. आलू को काटकर कच्चे आलू को बारीक पीसकर जलन वाले स्थान पर लगाने से ठंडक मिलती है, जिससे आराम होता।
4. जलने के निशानों पर शहद में त्रिफला चूर्ण मिलाकर लगायें।
5. जले हुए हिस्से पर तुलसी के पत्तों का रस लगाएं। दाग होने की संभावना कम होगी।
6. तिलों को पीसकर लगाने से जलने वाले हिस्से पर पड़े दाग-धब्बे भी समाप्त हो जाते हैं।
7. गाजर को पीसकर जले हुए हिस्से पर लगाने से जलन से आराम मिलता है।
8. नारियल का तेल लगाएं। इससे जलन कम होगी और पेशेंट को आराम भी मिलेगा।
9. तुलसी के पत्तों का रस लगाने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है और दाग पड़ने की आशंका भी कम हो जाती है।
10. जलने पर नारियल का तेल लगाने से जलन कम होती है और दाग भी नहीं पड़ते हैं।
11. गाय के घी का लेप करने से जला हुआ घाव जल्दी ठीक किया जा सकता है।
12. टूथपेस्ट या फाउंटेन पेन की स्याही लगाने से जलन में तुरंत आराम मिलता है।
13. एलोवेरा जेल/गिद्दा लगाने से घाव नहीं पड़ता और घाव पड़ गया हो तो जल्दी भर जाता है।
14. आंख में चिंगारी या बारूद चला जाए तो आंखों को तुरंत पानी से धोएं और बिना विलंब किये किसी अच्छे डॉक्टर को दिखायें।
15. होम्यापैथी की दवाई अर्टिका यूरेंस मदर टिंचर हमेशा घर में रखनी चाहिये। जलने पर इसे पानी में मिलाकर लगाने से तुरंत राहत मिलती है और फफोले नहीं पड़ते हैं। जलने के कारण हुए पुराने घाव भी इससे ठीक हो जाते हैं।

क्या नहीं करें?
जलने पर कुछ ऐसी बातों का भी विशेष ध्यान रखें। जैसे—
1. जलने पर बर्फ की सिकाई करने से आपकी परेशानी बाद में बढ़ सकती है। इसलिए बर्फ की सिकाई करने की गलती नहीं करें।
2. बर्फ की सिकाई से तुरंत जलन में राहत मिलती है, लेकिन बर्फ उस स्थान पर खून को जमा सकती है, जिससे आपका रक्त संचार प्रभावित हो सकता है। इसलिए बर्फ का प्रयोग करने से बचें।
3. कभी भी जले हुए स्थान पर रूई का प्रयोग भूल कर भी न करें। यह त्वचा पर चिपक सकती है, जिससे आपको अधिक जलन होगी। इसके अलावा बैक्टीरिया पनपने की संभावना भी होगी।
4. जले हुए स्थान पर तुरंत मक्खन या मलहम को लगाने से बचें।
5. जलन के फफोले पड़ने पर उन्हें फोड़ने की गलती बिल्कुल न करें। इससे संक्रमण फैल सकता है और तकलीफ बढ़ सकती है।
6. जले हुए स्थान पर अगर कोई कपड़ा चिपका हुआ हो तो उसे खुद ही नहीं उतारें, इससे त्वचा के उखड़ने/निकलने का खतरा हो सकता है।
7. अत्यधि‍क जले हुए पेशेंट को पीने हेतु एक साथ सादा पानी नहीं दें, बल्कि उसे बूंद बूंद पानी दें या ओआरएस का घोल पिलाइए। क्योंकि जलने के बाद इंसान की आंत काम करना बंद कर देती हैं और पानी सांस नली में फंस सकता है जो कि जानलेवा हो सकता है।

नोट: उचित समझें तो अपने मित्रों को शेयर करें।

आदिवासी ताऊ डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा द्वारा वाट्सएप 8561955619 पर सम्पूर्ण डिटेल लेकर लाइलाज समझी जाने वाली दर्जनों बीमारियों से वर्षों से पीड़ित हजारों रोगियों का शुद्ध, ताजा एवं ऑर्गेनिक देसी जड़ी-बूटियों और होम्योपैथिक दवाईयों से घर बैठे इलाज किया जाता रहा है। बिना ऑपरेशन प्राकृतिक तथा सामान्य प्रसव हेतु घर बैठे प्रसव सुरक्षा चक्र दिया जाता है। दाम्पत्य विवादों और यौन उलझनों तथा समस्याओं के समाधान हेतु ऑनलाइन काउंसलिंग (Online Counseling) भी की जाती है। 2005 से प्रतिवर्ष हजारों रोगियों को पीलिया की दवा मुफ्त में दी जाती रही है। दि.: 26.10.2019

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *