महिलाओं के शारीरिक दर्द की बड़ी वजह-वेस्टर्न किचिन

 

महिलाओं के शारीरिक दर्द की बड़ी वजह-वेस्टर्न किचिन

लेखक: आदिवासी ताऊ डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा

लम्बे समय से लोगों की शारीरिक पीड़ाओं का उपचार करने के दौरान मुझे अनुभव हुआ है कि जो लोग अपने घरेलु या बाहरी काम बहुत अधिक खड़े रहकर करते हैं, उन्हें उन लोगों की तुलना में अधिक दर्द सताते है, जिन्हें बहुत अधिक समय तक खड़े रहने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

फौजियों, सुरक्षा गार्डों, पुलिस के जवानों तथा वेस्टर्न किचिन में खाना पकाने वाली गृहिणियों को अपना काम करते वक्त लम्बे समय तक खड़ा रहना पड़ता है। इस कारण उन्हें पैरों और कमर के दर्द के साथ-साथ दूसरी अनेक प्रकार की शारीरिक दर्दनाक समस्याएं झेलनी पड़ती हैं।

फौजियों, सुरक्षा गार्डों, पुलिस के जवानों ने तो अपनी ड्यूटी स्वयं चुनी होती हैं, लेकिन महिलाओं के लिये वेस्टर्न टाइप की किचित हमने दिखावे और नकल के नाम पर खुद ही अपने आप के ऊपर थोपी हैं।

यहां यह विचारणीय है कि पश्चिमी देशों में घर पर खाना बनाने का चलन बहुत कम ​है। वहां पर काम के दौरान बाहर खाना खाने का चलन है या यदाकदा बाजार से पैक्ड या कुक्ड फूड खरीदकर लाया जाता है। जिसे खाने से पहले किचिन में माइक्रोवेब पर कुछ सेकण्ड या कुछ मिनट में गर्म कर लिया जाता है। इसके अलावा वहां पर महिलाओं के साथ पुरुष भी किचिन में काम करते हैं। इस कारण पश्चिमी देशों में महिलाओं को किचिन में खड़े रहकर बहुत कम समय गुजारना पड़ता है।

इसके ठीक उलट भारत में अभी भी 99 फीसदी घरों में घर पर ही खाना बनाया जाता है और अधिकतर घरों में स्त्रियों को ही खाना बनाने की जिम्मेदारी दी हुई है। इस कारण और गैस पर एवं टाइट कपड़े पहन कर खाना बनाने वाली औरतों को वेस्टर्न टाइप किचिन में लम्बे समय तक खड़े रहना ही पड़ता है।

इस कारण महिलाओं को पैरों, पिंडलियों, कमर आदि की नसों, मांसपेशियों या हड्डियों में दर्द सताने लगते हैं। जिससे उनकी दैनिक जीवनचर्या दु:खद और दर्दनाक होती जा रही है। इसके विपरीत परम्परागत रीति से चूल्हें पर या जमीन पर बैठकर खाना बनाने वाली औरतों को तुलनात्मक रूप से इस प्रकार का दर्द बहुत कम होते हैं या ऐसे दर्द नहीं सताते हैं। जिन्हें दर्द होता भी तो उसके दूसरे कारण हो सकते हैं।

इस संदर्भ में मेरा विनम्र सुझाव है कि सभ्यता की अंधी दौड़ में दौड़ने से बेहतर है कि दौड़ में शामिल होने से पहले विचार​ किया जाये। वेस्टर्न टाइप की कि​चिन तथा टाइट पौशाक औरतों को अनेकों दर्द दे रही हैं। इसलिये इस पर समय रहते विचार करने की जरूरत है।

जिन महिलाओं को इस प्रकार के दर्द अधिक सता रहे हैं। उन्हें सबसे पहले तो खड़े रहकर खाना बनाने की रीति को त्यागना होगा। दूसरे: दर्द निवारक यानी पैन किलर दवाइयों का सेवन करके अपनी किडनी तथा लीवर को नष्ट होने से बचाना होगा। तीसरे: दर्द से मुक्ति हेतु किसी एक्सपर्ट की सलाह से एक्यूप्रेशर अपनायें और दुष्प्रभाव रहित होम्यो/बायो पोषक तत्वों के साथ-साथ आदिवासी जड़ी-बूटियों का सेवन करें।

लेख काफी बड़ा हो गया है। अत: विभिन्न प्रकार के दर्दों के उपचार के बारे में पृथक से लिखूंगा। किसी भी प्रकार की सलाह या उपचार हेतु 8561955619 पर वाट्सएप कर सकते हैं। (काल नहीं करें) हेल्थ अवेयरनेश की अधिक और नियमित जानकारी हेतु फेसबुक पर संचालित हेल्थ ग्रुप (https://www.facebook.com/groups/healthcarebyadiwasitau) एवं हेल्थ वेबसाइट (https://www.healthcarefriend.in) पर आपका स्वागत है। जोहार यानी प्रकृति मां की जय हो। आदिवासी ताऊ। 02.08.2021

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