स्लो पॉइजन है-तम्बाकू उत्पादों की लत, बीड़ी, सिगरेट, जर्दा, खैनी, गुटखा आज ही छोड़ें

 
स्लो पॉइजन है-तम्बाकू उत्पादों की लत, बीड़ी, सिगरेट, जर्दा, खैनी, गुटखा आज ही छोड़ें
 
लेखक: आदिवासी ताऊ डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा
वाट्सएप: 8561955619 (10-22 बजे)
 
तम्बाकू (Tobacco) तथा तम्बाकू उत्पादों (Tobacco Products) का किसी भी रूप में अकारण सेवन, धीमे जहर (Slow Poison) से कम नहीं है। यह ऐसा धीमा जहर है, जिसकी एक बार लत लग जाए तो व्यक्ति चाहकर भी इसे आसानी से नहीं छोड़ पाता है। वह इनका गुलाम बन जाता है। इसलिये नशे का आदी व्यक्ति धीरे-धीरे अनेक प्रकार की बीमारियों से ग्रसित होकर मौत के मुँह में समाता चला जाता है। यही वजह है कि (एक अनुमान के अनुसार) *तम्बाकू उत्पादों का नशा करके भारत में हर साल बीस लाख लोग अकाल मौत के मुंह में समा रहे हैं।* आंकड़े बताते हैं कि *विश्व में होने वाली हर 5 मौत में से एक मौत तम्बाकू उत्पादों की लत के कारण होती हैं।* यही वजह है कि हर साल 31 मई को तम्बाकू के कुप्रभाव से दुनिया को बचाने के लिये *विश्व तंबाकू दिवस* मनाया जाता है। दु:खद तो यह भी है कि कानूनी प्रतिबन्धों की धज्जियां उड़ाते हुए किशोर, युवा, बुजुर्ग, अधेड़ और महिलाएं तक तम्बाकू उत्पादों के नशे की गिरफ्त में तेजी से फंसते जा रहे हैं।
 
बीड़ी, सिगरेट, सिगार, जर्दा, खैनी, सुट्टा, हुक्का, चिलम, गुटखा, तम्बाकू वाला पान, गुल इत्यादि सभी का सेवन समान रूप से घातक हैं। यदि आपको इनमें से किसी का एक की भी लत है तो इसका सीधा सा मतलब है कि आप मौत को अपने करीब बुला रहे हैं। ऐसा क्यों? क्योंकि तम्बाकू में मादकता या उतेजना प्रदान करने वाला सबसे हानिकारक तत्व निकोटिन (Nicotine) होता है। जैसे-जैसे निकोटिन की मात्रा आपके शरीर में बढ़ती जाती है, कैंसर नामक मौत का दानव आपके करीब बढता चला आता है।
 
तम्बाकू उत्पादों की लत के कारण, नशा करने वाले व्यक्ति के शरीर में अनेक जरूरी तत्वों की कमी होने लग जाती है, जिसके कारण नशा करने वाले व्यक्ति को तम्बाकू उत्पादों का सेवन करने की तीव्र लालसा एवं तलब बढती जाती है। जिस पर नियंत्रण रखना असंभव हो जाता है। साथ ही साथ तम्बाकू उत्पादों का सेवन करने के कारण ऐसे लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Disease Resistance Power) तेजी से घटती चली जाती है। उनकी इच्छा शक्ति (Willpower) कमजोर हो जाती है। इस कारण वे अपने आप पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं और न चाहते हुए भी लगातार तम्बाकू उत्पादों का अधिक मात्रा में सेवन/नशा करने को मजबूर हो जाते हैं।
 
हां कुछ विरले लोग (Some Rare Peoples) ऐसे भी होते हैं, जिनकी इच्छा शक्ति मजबूत होती है, वे बिना किसी दवा के भी नशे की ऐसी लतों को एक झटके में छोड़ सकते हैं। यद्यपि दूसरी ओर यह भी माना/कहा जाता है कि मजबूत इच्छा शक्ति वाले लोगों को किसी प्रकार के नशे की लत लगनी ही नहीं चाहिये। *मगर व्यावहारिक सच्चाई (Practical Truth) यह है कि गलत एवं बुरे दोस्तों की सौबत, तनाव (Tension), एकाकीपन (Loneliness), नकारात्मक माहौल (Negative Environment), बुरे हालातों इत्यादि कारणों से कुछ मजबूत इच्छा शक्ति वाले लोगों को भी नशे की लत लग जाती है।*
 
वैज्ञानिक शोधों से ज्ञात हुआ है कि तंबाकू में 28 प्रकार के कार्सिनोजेनिक (Carcinogenic) तत्व पाये जाते हैं, जिनसे अनेक प्रकार के कैंसर हो सकते हैं। इनमें निकोटिन एवं कार्बन मोनोऑक्साइड गैस (Carbon Monoxide Gas) प्रमुख दो तत्व सर्वाधिक घातक होते हैं। आपको जानकर दु:ख होगा कि तम्बाकू के धुएं से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस जहरीली (Toxic) तो होती ही है। साथ ही साथ यह गैस शरीर में ऑक्सीजन (Oxygen) की मात्रा को भी कम कर देती है।
 
जिससे दुष्परिणामस्वरूप *शरीर के जीवन रक्षक महत्वपूर्ण अंग जैसे कि दिमाग (Brain), हृदय (Heart), फेफड़े (Lungs) आदि स्वाभाविक रूप से कार्य करना बंद कर देते हैं। शरीर में निकोटिन बढ़ाने से रक्तचाप (Blood Pressure) को बढ़ता है। जिससे दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ने एवं पक्षाघात (Paralysis) की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। नशा करने वालों के आसपास रहने वालों को भी अनेक प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं।*
 
निकोटिन एवं कार्बन मोनोऑक्साइड गैस दो घातक तत्वों के अलावा तम्बाकू में कैंसर उत्पन्न करने वाले अनेक अन्य तत्व तथा रसायन भी पाये जाते हैं। जैसे की टार, मार्श गैस, अमोनिया, कोलोडान, पापरीडिन, फॉस्फोरल प्रोटिक अम्ल, परफैरोल, ऐजालिन सायनोजोन, कोर्बोलिक ऐसिड, बेनजीन इत्यादि। अत: यह जान लेना बेहतर होगा कि तम्बाकू उत्पादों का नशा करने से सामान्यत: निम्न में से एक या एकाधिक बीमारियां हो सकती हैं:-
 
1. कैंसर।
2. हृदय रोग।
3. फेफड़ों में संक्रमण।
4. अल्पशुक्राणुता-पुरुषों की प्रजजन क्षमता पर दुष्प्रभाव।
5. असमय नपुंसकता।
6. शीघ्रपतन।
7. स्त्रियों में बांझपन, बार-बार गर्भस्त्राव एवं भ्रूण का विकास अवरुद्ध।
8. टीबी/क्षय रोग।
9. दांत तथा मसूड़े सड़ना।
10. दमा-अस्थमा रोग होता।
11. मुँह से दुर्गन्ध आना।
12. पाचन तंत्र का कमजोर होना।
13. रक्तचाप-ब्लडप्रेशर।
14. असमय दृष्टिदोष।
15. सिर दर्द एवं माइग्रेन।
16. शारीरिक कमजोरी।
17. असमय बुढावा।
18. छाती में अकड़न।
19. पक्षाघात।
20. स्मरण-शक्ति कमजोर/लोप।
21. इच्छा शक्ति में ह्रास।
22. रोग प्रतिरोधक क्षमता घटते जाना।
23. चर्म रोग।
24. स्वादहीनता।
25. किडनी संक्रमण।
26. किडनी एवं पित्ताशय में पथरी।
27. बवासीर।
28. गुदाभ्रंश।
29. योनिभ्रंश।
30. लीवर संक्रमण।
इत्यादि।
 
उक्त विवरण को पढकर आप समझ गये होंगे कि तम्बाकू एवं तम्बाकू उत्पादों का सेवन कितना अस्वास्थ्यकर एवं जीवन के लिये घातक हैं। *अत: बहुत जरूरी है कि आप तम्बाकू या तम्बाकू उत्पादों को छोड़ने हेतु मानसिक रूप से अपने आप को तैयार करें। आपको इस धीमे जहर तथा इस के दुष्प्रभावों से हमेशा को मुक्ति दिलाने के लिये होम्योपैथी और देशी जड़ी बूटियां सहायक हो सकती हैं। जिसके लिये आपको अविलम्ब अपने पास के किसी अनुभवी डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिये।*
 
मैं लम्बे समय से नशा छुड़ाने पर कार्य कर रहा हूं और सफलता की दर 90% से अधिक है। मैं दुष्प्रभाव रहित शुद्ध, ताजा व ऑर्गेनिक देशी जड़ी-बूटियों के साथ-साथ, जर्मन होम्यापैथिक दवाइयों का सेवन करवाता हूं। नशे की अवधि, रोगी की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति, रोग प्रतिरोधक क्षमता, इच्छा शक्ति और दवा सेवन की नियमितता के अनुसार सामान्यत: एक से तीन महिने में तम्बाकू उत्पादों के नशे की लत पूरी तरह से छूट जाती है। इसके बाद पौष्टिक भोजन तथा शक्तिवर्धक देशी जड़ी बूटियों का सेवन करके व्यक्ति सामान्य जीवन जीने योग्य हो जाता है। यदि तम्बाकू उत्पादों का लम्बे समय तक सेवन करने के कारण किसी प्रकार की मानसिक या शारीरिक बीमारी जन्म ले चुकी हो तो उसके उपचार में अतिरिक्त समय लग सकता है। नशे की लत छुड़ाने हेतु जो दवाइयां दी जाती हैं, वे सामान्यत: चार प्रकार से असर करती हैं:-
 
*पहला: तम्बाकू या तम्बाकू उत्पादों की लालसा अर्थात तलब/इच्छा को कम करना।*
*दूसरा: तम्बाकू या तम्बाकू उत्पादों के कारण शरीर में जमा विषैले द्रव्यों को बाहर निकालना।*
*तीसरा: आंतरिक ताकत तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करके इच्छा शक्ति में वृद्धि करना।*
*चौथा: तम्बाकू या तम्बाकू उत्पादों का बेस्वाद या स्वादहीन लगना।*
 
*लेकिन ध्यान दें संसार में कोई भी ऐसी दवा नहीं बनी है, जो आपके हाथ से तम्बाकू उत्पादों को छीन सके। यही वजह है कि कोई भी डॉक्टर इस प्रकार की लत छुड़ाने की अग्रिम गारण्टी नहीं दे सकता है। कोई भी डॉक्टर अपने अनुभव के अनुसार सर्वश्रेष्ठ दवाइयां ही उपलब्ध करवा सकता है।*
 
*दवाइयों के सेवन के साथ-साथ खुद को भी खुद की मदद करनी होती है। यदि कोई व्यक्ति पहला एक सप्ताह निकाल लेता है तो वह हमेशा को इस जानलेवा लत से मुक्त हो जाता है। निर्णय खुद को ही करना होता है कि धीमा जहर अपने शरीर में डालकर बेमौत मरना है या इस जान लेवा लत से मुक्त होकर खुशनुमा जिंदगी जीना है।*
 
अंत में एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी कि *2000 रुपये किलो का गुटखा खाने के लिये तो नशा करने वालों के पास पर्याप्त रुपये उपलब्ध होते हैं, लेकिन इलाज के नाम पर रुपयों की कमी आड़े आ जाती है। ऐसे लोगों का उपचार असंभव है।*
 
*स्वास्थ्य से बड़ी कोई पूंजी नहीं। यदि स्वास्थ्य खो दिया तो करोड़ों/अरबों की सम्पत्ति भी निरर्थक है।*
 
लेखन दिनांक: 08.05.2019, संपादन: 06.01.2020

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