शहद हमारे स्वास्थ्य का मित्र-Honey Friend of our Health

 

शुद्ध शहद की पहचान:
Identification of Pure Honey:

कांच के पारदर्शी गिलास में पानी भरें। उस पानी में एक चम्मच शहद डालें। अगर शहद गिलास की सतह पर बैठ जाये तो समझें कि शहद असली है और यदि शहद पानी में घुल जाये तो नकली है।
 
शहद के अस्वास्थ्यकर उपयोग: शहद का उपयोग बताने से पहले यह बतलाना जरूरी समझता हूं कि शहद का गलत या अनुचित तरीके से सेवन नुकसान भी कर सकता है। अत: सबसे पहले इसी बात को जान लिया जाये:-
 
  • 1. शहद एवं घी को समान मात्रा में मिलाकर सेवन करने पर, यह विष बन जाता है। अत: शहद और घी का समान मात्रा में कभी भी सेवन नहीं करें।
  • 2. ध्यान रखें अधिक गर्म दूध एवं अधिक गर्म पानी में मिलाकर शहद का सेवन करना हानिकारक साबित हो सकता है। शहद को कभी भी उबलते पानी में न डालें और न ही इसे कभी पकाएं, क्योंकि एक खास तापमान पर पहुंचने के बाद शहद का कुछ हिस्सा जहरीला हो जाता है। इसलिए जिस दूध/पानी में आप शहद डालते हैं, वह उबलता हुआ न होकर गुनगुना होना चाहिए।
  • 3. तेज धूप के मौसम में धूप में बाहर निकलने वाले बच्चों को शहद का सेवन नहीं करावें।
  • 4. एक साल से कम उम्र के शिशुओं को शहद नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि उसमें बोटुलिज्म बैक्टीरिया के जीवाणु हो सकते हैं। जिसकी वजह से शिशु बीमार हो सकता है। ये जीवाणु धूल और मिट्टी में पाए जाते हैं, जो शहद में जा सकते हैं। शिशु का शरीर इस तरह के संक्रमण से अपना बचाव करने के लिए तैयार नहीं होता है।
  • 5. मधुमेह के मामले में शहद सफेद चीनी से बहुत अलग नहीं है। दोनों ही रक्त शर्करा का स्तर बढ़ाते हैं और मधुमेह के रोगियों को दोनों में उतना ही ध्यान रखना चाहिए।
  • 6. यदि रोग ब्लड प्रेशर , डायबिटीज , कोलेस्ट्रॉल  आदि के लिए दवा ले रहा है या अधिक मोटापे से ग्रस्त है तो उसको शहद का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • 7. अधिक मात्रा में शहद का उपयोग हानिकारक हो सकता है। अतः बहुत अधिक मात्रा में इसे नहीं लेना चाहिए।
  • 8. शहद की तासीर गर्म होती है। अतः गर्मी के मौसम में शहद का कम मात्रा में ही सेवन करें।

 

शहद के अस्वास्थ्यकर उपयोग जानने के बाद, यह जान लें कि अनादिकाल से शहद का मानव द्वारा प्रयोग किया जाता रहा है। अनुभव के आधार पर यह माना गया कि भिन्न-भिन्न वृक्षों पर मधुमक्खी के छत्ते लगने पर शहद के गुणों और उपयोगों में भी परिवर्तन आ जाता है। यह अलग बात है कि वर्तमान में बाजारू शहद का उपयोग करने वालों के लिये यह सब निरर्थक सा हो गया है। इसके बावजूद इस बारे में बुजुर्गों के अनुभवों और परिणामों को जानना जरूरी है:-

  • 1. जामुन की डाली पर लगे मुधमक्खी के छत्ते का शहद मधुमेह में विशेष उपयोगी है।
  • 2. नीम की डाली पर लगे मुधमक्खी के छत्ते का शहद आंखों के लिये विशेष उपयोगी है।
  • 3. सहजन की डाली पर लगे मुधमक्खी के छत्ते का शहद रक्तचाप एवं वात रोगों में विशेष उपयोगी है।
  
शहद के अन्य मिश्रणों के साथ प्रयोग: इसी प्रकार से शहद का भिन्न-भिन्न औषधि तत्वों के साथ मिश्रण करके सेवन करने पर, शहद के परिणाम भी उसी अनुरूप प्राप्त होते हैं। जैसे:-
 
  • 1. पोदीना जिसे पुदीना-Mint भी कहा जाता है के रस में मिलाकर शहद का सेवन करने पर वमन में लाभ होता है।
  • 2. अदरक-Ginger जिसे अदरख भी कहा जाता है के रस में मिलाकर शहद का सेवन करने पर खांसी  में लाभ होता है।
  • 3. आम-Mango के रस में मिलाकर शहद का सेवन करने पर पीलिया, जिसे कामला भी कहा जाता हैं में लाभ होता है।
  • 4. अडूसा-Malabar Nut जिसे वासा भी कहा जाता है के रस में मिलाकर शहद का सेवन करने पर भी खांसी, दमा आदि श्वसन रोगों में लाभ होता है।
  • 5. नींबू-Lemon के रस में मिलाकर शहद का सेवन करने से नींद अच्छी आती है।
  • 6. लहसुन-Garlic में मिलाकर शहद का सेवन करने से हृदय की धमनियों में पहले से जमे हुए कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में भी मदद मिलती है।
  • 7. जिन लोगों या छोटे बच्चों को किन्हीं कारणों से शक्कर-Sugar यानी सफेद चीनी के सेवन की मनाही हो, उन्हें चीनी के स्थान पर शहद का उपयोग/सेवन करवाया जा सकता है।
  • 8. दो चम्मच प्याज-Onion/Allium Cepa का रस और दो चम्मच शहद रोजाना कुछ दिन लेने से फेफड़ों के रोग और दमा में बहुत लाभ होता है। इस प्रयोग से खांसी, गले की खराश और कफ  के कारण साँस लेने में दिक्कत आदि भी ठीक हो जाते है।
  • 9. एक चम्मच नागकेसर और दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह शाम लेने से पित्ती का बार-बार निकलना बंद हो जाता है।
  • 10. एक चौथाई चम्मच नींबू के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर चेहरे पर हल्के हाथ से लगाकर आधा घंटा बाद धो देने से त्वचा पर दाग धब्बे तथा चेहरे की झाइयाँ और झुर्रियां कम या ठीक हो जाते हैं।
  • 11. मोम को पिघलाकर, उसमें चार गुनी मात्रा में शहद मिलाकर किसी भी घाव को साफ करके, उस पर इस मलहम को लगाने से घाव जल्दी भर जाता है।
  • 12. दालचीनी-Cinnamon को बारीक पीस कर शहद में मिला लें। गुटका, तम्बाकू समोंकिंग की तलब लगने पर इस मिश्रण को चाटने से तलब शांत हो जाती है।
  • 13. प्याज के रस में शहद मिलाकर लगाने से सिर में गंजापन हो या आंखों की पलकों/आईब्रो में बाल कम हों तो शबाल घने हो जाते है। यही नहीं बाल गिरने कम हो जाते हैं।
  • 14. दो चम्मच दही में एक चम्मच शहद मिलाकर सोते समय सेवन करने से पेट के कीड़े मल के साथ बाहर निकल जाते हैं।
 
शहद के बारे में खास बात:
Special Thing About Honey:
 
जो शहद गहरे रंग का होता है, उसमें ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। शहद एक ऐसा पदार्थ है, जिसकी रासायनिक संरचना काफी कुछ इंसान के रक्त से मिलती जुलती है। शहद खराब नहीं होता और उसे ठीक से बंद करके रखने पर लंबे समय तक रखा जा सकता है। पुरातत्वविज्ञानियों को मिस्र के प्राचीन शहर थेब्स में फेरों की कब्रों में और तूतनखामन की कब्र में शहद के सीलबंद जार मिले हैं। यह पता नहीं चला है कि पुरातत्वविज्ञानियों ने उस शहद का क्या किया!
 
 
शहद के गुण और औषधीय उपयोग:
Honey Properties and Medicinal Uses:
 
 
1. हीमोग्लोबिन-Hemoglobin: अगर शहद को गुनगुने पानी में मिलाकर पिया जाए तो उसका खून में लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) की संख्या पर लाभदायक असर पड़ता है। लाल रक्त कोशिकाएं मुख्य रूप से शरीर के विभिन्न अंगों तक खून में ऑक्सीजन पहुंचाती हैं। शहद और गुनगुने पानी का मिश्रण खून में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाता है, जिससे एनीमिया या खून की कमी की स्थिति में लाभ होता है।
 
2. प्रतिरक्षा प्रणाली: शहद का सेवन लाभदायक एंटीऑक्सीडेंट तत्वों की संख्या को बढ़ाता है, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाता है और हानिकारक सूक्ष्मजीवों से लड़ता है। कई अध्ययनों में जख्मों की चिकित्सा में भी शहद के इस्तेमाल पर विचार किया गया है। एक अध्ययन में एक उपचारात्मक शहद का इस्तेमाल किया गया जो एक खास शुद्धिकरण प्रक्रिया से गुजरा था। इस अध्ययन में भाग लेने वाले सभी लोगों के जख्मों से सारा बैक्टीरिया नष्ट हो गया।
 
3. चीनी का अहानिकारक विकल्प: शरीर पर सफेद चीनी के बहुत से हानिकारक प्रभाव होत हैं। अत: शहद सफेद चीन का एक बढ़िया विकल्प है जो उतना ही मीठा है, मगर इसका सेवन अहानिकारक है। हालांकि शहद के रासायनिक तत्वों में भी सिंपल शुगर होती है, मगर वह सफेद चीनी से काफी भिन्न होती है। उसमें करीब 30 फीसदी ग्लूकोज और 40 फीसदी फ्रक्टोज होता है यानि दो मोनोसेकाराइड या सिंपल शुगर और 20 फीसदी दूसरे कांप्लेक्स शुगर होते हैं। शहद में एक स्टार्ची फाइबर डे‍क्सट्रिन भी होता है। यह मिश्रण शरीर में रक्त शर्करा का स्तर संतुलित रखता है।
 
4. रक्तचाप: अगर किसी को निम्न रक्तचाप की शिकायत है और उसे अगर नीचे बैठे-बैठे अचानक उठने की कोशिश करने पर चक्कर आ जाते हैं। दिमाग में ऑक्सीजन का कम मात्रा में पहुंचने का परिणाम निम्न रक्तचाप होता है। इसी तरह से अगर सिर नीचे करने पर चक्कर आते हैं, तो इसका मतलब है कि व्यक्ति उच्च रक्तचाप की समस्या है। किसी भी व्यक्ति को सामान्यत: उच्च रक्तचाप की वजह से या फिर ऑक्सीजन की कमी की वजह से चक्कर आते हैं। शहद का सेवन हमारे शरीर के इन असंतुलनों को दूर करता है। जिससे दोनों प्रकार के रक्तचाप की समस्या से मुक्ति मिल सकती है।
 
5. त्वरित ताकत: पारंपरिक औषधि में शहद का एक महत्वपूर्ण प्रयोग एक त्वरित बलवर्धक के रूप में किया जाता है। जैसा कि विदित है कि शहद में अलग-अलग तरह के शुगर कण होते हैं, खासकर ग्लूकोज और फ्रक्टोज। हालांकि सफेद चीनी, जिसमें फ्रक्टोज और ग्लूकोज एक साथ सुक्रोज के रूप में होते हैं, इसके विपरीत शहद में ये दोनों शर्कराएं अलग होती हैं। इसलिए शहद तत्काल शक्ति देता है।
 
6. मोटापा घटाये-बढाये: मोटापा घटाए भी, मोटापा बढ़ाए भी शहद जल्दी पचकर खून में मिल जाता है। इसे हम दूध, दही, चाय, मलाई, पानी, सब्जी, फलों के रस आदि में मिलाकर ले सकते हैं। यही नहीं सर्दी में गर्म पेय के साथ व गर्मी में ठंडे पेय के साथ भी इसका सेवन कर सकते हैं। सुबह गुनगुने पानी में शहद मिलाकर सेवन करने से मोटापा कम होता है और मोटापा बढ़ाने के लिए इसे दूध में मिलाकर पीना चाहिये।
 
7. शहद दिल की देखभाल में फायदेमंद: एक अनार का ताजा रस लेकर उसमें एक बड़ा चम्मच शहद मिलाएं। रोजाना सुबह खाली पेट पियें। या खजूर में सुई चुभाते हुए उसमें छेद करें। उसे शहद में डुबा दें और दिन में दो बार 2-4 खजूर खाएं। इस प्रकार को प्रयोग दिल की देखभाल में फायदेमंद है।
 
8. बच्चों को गहरी नींद: अनेक अध्ययनों के नतीजे दर्शाते हैं कि शहद से बच्चों को गहरी नींद आ सकती है। शहद से रात के समय बच्चों में खांसी कम आती है और उन्हें अधिक गहरी नींद सोने में मदद मिलती है।
 
9. सर्दी-जुकाम एवं खांसी: सर्दी-जुकाम एवं खांसी से जुड़ी बीमारियों में या हर सुबह बंद नाक बंद रहने की समस्या है तो नीम, काली मिर्च, शहद और हल्दी का सेवन काफी फायदेमंद हो सकता है। काली मिर्च के 10 से 12 दानों को दरदरा कूट लें और उन्हें दो छोटे चम्मच शहद में रात भर भिगो कर रखें। सुबह खूब अच्छी तरह चबाते हुए काली मिर्च के दाने खा लें। शहद में थोड़ी सी हल्दी भी मिला सकते हैं। अदरक के रस में या अडूसे के काढ़े में शहद मिलाकर बच्चे को देने से खाँसी में आराम मिलता है।
 
10. एलर्जी: नीम के पत्तों का पेस्ट बना लें और उस पेस्ट से एक कंचे के आकार की गोलियां बना लें। उस गोली को शहद में डुबाकर हर सुबह खाली पेट निगल लें। अगले 60 मिनट तक कुछ नहीं खाएं, ताकि नीम की गोली का प्रभाव रोगी के शरीर में फैल जाए। इससे त्वचा या किसी खाद्य पदार्थ से होने वाली एलर्जी में भी लाभ मिलता है। नीम में बहुत से औषधीय गुण हैं और यह आदत बहुत ही लाभदायक है। अगर आपको नीम के सामान्य पत्ते ज्यादा कड़वे लगते हैं, तो नीम के कोमल पत्तों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
 
11. संयुक्त राष्ट्र और भारत के राष्ट्रीय शहद बोर्ड का सुझाव है कि शहद में कम मात्रा में बहुत से विटामिन और मिनरल होते हैं। इनमें कैल्शियम, कॉपर, सोडियम, आयरन, मैगनीशियम, फॉसफोरस, पोटैशियम, जिंक/ताँबा, आयोडीन आदि तत्व होते हैं। अत: शहद का उपयोग स्वास्थ्यवर्धक एवं स्वास्थ्य रक्षक है।
 
12. शरीर को अधिक जीवंत बनाता है: व्यायाम करने वाले लोगों के लिए शहद का सेवन रक्त के रसायन में संतुलन लाता है, इसलिए उन्हें खास तौर पर इसका सेवन करना चाहिए। शहद का नियमित सेवन शरीर को अधिक जीवंत बनाता है। सुबह व्यायाम शुरू करने से पहले गुनगुने पानी में थोड़ा सा शहद मिलाकर लेने पर शरीर सक्रिय हो जाता है।
 
13. संक्रमण रोधी: शहद उन बैक्टीरियाओं से लड़ने में भी प्रभावकारी साबित हुआ है, जिन पर एंटीबायोटिक्स का असर नहीं होता है। शहद कई स्तरों पर संक्रमण से लड़ता है। जिससे वह जीवाणुओं के लिए प्रतिरोधी क्षमता विकसित करना मुश्किल बना देता है। इसके विपरीत एंटीबायोटिक्स बैक्टीरिया पर उस समय हमला करते हैं, जब वे विकसित हो रहे होते हैं, इससे वे उसे प्रतिरोधी क्षमता विकसित करने का मौका देते हैं। शरीर की त्वचा और सिर की चमड़ी के लिए भी शहद बहुत फायदेमंद होता है। 30 मरीजों पर किए गए एक छोटे स्तर के अध्ययन, जिसमें सेबोरिक डर्माटाइटिस और रूसी के उपचार पर शहद के प्रभावों की जांच की गई थी, इसमें प्रतिभागियों ने हर दूसरे दिन 2-3 मिनट तक अपने समस्याग्रस्त क्षेत्रों पर पतले अपरिष्कृत(अनप्रोसेस्ड) शहद से हल्की मालिश की। शहद को तीन घंटे तक छोड़ दिया गया, फिर गुनगुने पानी से धो दिया गया। सभी मरीजों को इस उपचार से लाभ दिखा। एक सप्ताह के भीतर खारिश में राहत मिली और स्केलिंग गायब हो गई, दो सप्ताह में जख्म गायब हो गए। मरीजों के बाल गिरने की समस्या में भी सुधार आया। इसके अलावा जिन मरीजों ने सप्ताह में एक बार शहद लगाते हुए छह माह तक उपचार जारी रखा, उन्हें यह समस्या दोबारा नहीं हुई।
 
14. पाचक: शहद कब्ज, पेट फूलने और गैस में भी लाभकारी होता है, क्योंकि यह एक हल्का लैक्सेटिव है। शहद में प्रोबायोटिक या सहायक बैक्टीरिया भी प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो पाचन में मदद करते हैं, प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाते हैं और एलर्जी को कम करते हैं। सफेद चीनी की जगह शहद का इस्तेमाल आंतों में फंगस से पैदा हुए माइकोटॉक्सिन के विषैले प्रभावों को कम करता है। सुबह-शाम दो चम्मच शहद पानी में पीने से कब्ज में लाभ होता है।
 
15. श्वेत रक्त कोशिका: इसके भी कुछ प्रारंभिक प्रमाण हैं कि शहद कीमोथैरेपी के मरीजों में श्वेत रक्त कोशिकाओं (डब्ल्यूबीसी) की संख्या को कम होने से रोक सकता है। एक छोटे प्रयोग में कीमोथैरेपी के दौरान कम डब्ल्यूबीसी संख्या के जोखिम वाले 40 फीसदी मरीजों में उपचार के तौर पर दो चम्मच शहद पीने के बाद वह समस्या फिर से नहीं उभरी।
 
 
 
शहद के कुछ अन्य उपयोग:
Some Other Uses of Honey:
 
  • 1. उल्टी: उल्टी (वमन) के समय बच्चे को पोदीने के रस के साथ शहद मिलाकर देने से उसे तुरंत आराम मिलता है।
  • 2. उल्टी और हिचकी: दो चम्मच प्याज के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर सेवन कराने से उल्टी और हिचकी में आराम मिलता है।
  • 3. गला बैठना: गर्म पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर गरारे करने से गला ठीक हो जाता है और आवाज खुल जाती है।
  • 4. चुस्ती एवं स्फूर्ति: प्रातः नींबू व शहद गर्म पानी में लेने से मानसिक एवं शारीरिक रूप से चुस्ती एवं स्फूर्ति आती है।
  • 5. गर्भावस्था: गर्भवती महिला द्वारा दो चम्मच शहद रोजाना लेने से उसे रक्त की कमी नहीं होती।
  • 6. कमजोरी: शहद में विटामिन “ए”और “बी” के होने से यह आँखों की ज्योति बढ़ाता है व भूख बढ़ाकर कमजोरी दूर करता है।
  • 7. त्वचा में निखार: तिल्ली का तेल, बेसन, शहद व नींबू मिलाकर उबटन लगाने से त्वचा साफ होकर निखर जाती है।
  • 8. दाँत निकलने में आसानी: छोटे बच्चों को मसूडों पर शहद लगाने से उनके दाँत आसानी से निकल आते हैं।
  • 9. जलने के सफेद दाग-धब्बे: किसी कारण त्वचा जल जाने से त्वचा पर सफेद दाग-धब्बे बन जायें तो उन पर शहद लगाकर, लगातार सूती कपड़े की पट्टी करते रहने से इस तरह के दाग-धब्बे मिट जाते हैं।

 

लेखन दिनांक: 30 जनवरी, 2019, संपादन दिनांक:

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