विवाहपूर्व विपरीत लिंगी पर निर्भरता का असर

 

विवाहपूर्व विपरीत लिंगी पर निर्भरता का असर

विवाह पूर्व जिन लड़कियां को निर्णय लेने में अपने पिता, भाई, मित्र या किसी भी पुरुष की सलाह मिलती रहती है, तुलनात्मक रूप से वे अधिक सफल होती हैं। क्योंकि पुरुषों की सलाह से उनके दिमाग के जन्म से सक्रिय भावनात्मक हिस्से के साथ-साथ, तर्क करने वाला हिस्सा भी सक्रिय हो जाता है। जो पुरुष प्रधान समाज में उन्हें विशेष प्रतिष्ठा दिलाने में सक्षम बनाता है। जबकि इसके ठीक विपरीत जो लड़के निर्णय लेने में अपनी मां, बहन या किसी भी स्त्री की सलाह पर निर्भर होते हैं, उनको आपसी, व्यावसायिक, सामाजिक और वैवाहिक सम्बन्धों का निर्वाह करने तथा निर्णय लेने में अनेक प्रकार की मनोवैज्ञानिक तथा सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। क्योंकि जन्म से पुरुषों के दिमाग का केवल तर्क करने वाला हिस्सा ही सक्रिय होता है, मगर स्त्रियों की सलाह पर निर्भर ऐसे लड़कों में स्त्रियों की भांति दिमाग का भावनात्मक हिस्सा सक्रिय होने लगता है। जिससे जन्म से पुरुषों को मिले दिमाग के तार्किक हिस्से से उनका संघर्ष चलता रहता है। जो उन्हें दब्बू, गुस्सैल, आत्मघाती, बात-बात पर रोने वाला और स्त्रियों जैसा बर्ताव बनने को प्रेरित करता है। अतः अकसर उन्हें अपनी पत्नी तथा सहकर्मियों के मध्य सामंजस्य बिठाने में परेशानी होती है। जोहार।

-आदिवासी ताऊ-8561955619, काउंसलर, होम्योपैथ एवं परम्परागत उपचारक।

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