वजन कम करें, लेकिन कैसे और क्यों?-Reduce Weight, but How and Why?

 
वजन कम करें, लेकिन कैसे और क्यों?
Reduce Weight, but How and Why?
 
नोट: आज ही के दिन 2013 में मेरी जीजी/मां 82 साल की आयु में प्रकृति में विलीन हो गयी। अत: यह लेख मेरी मां को समर्पित है।
 
आदिवासी ताऊ डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा, Health WhatsApp-8561955619
 
सबसे पहली बात केवल दवाइयों के भरोसे वजन कम नहीं किया जा सकता। हां दवाइयां जीवनचर्या तथा खानपान की आदतों (Lifestyle and Food Habits) में बदलाव करके स्थायी तौर पर वजन कम किया जा सकता है। जिसके बारे में अनुभवसिद्ध और औषधीय नुस्खों की जानकारी संक्षेप में प्रस्तुत है:-
 
भाग: 1 जीवनचर्या तथा खानपान की आदतों (Lifestyle and Food Habits) बदलें:
वजन कम करने के लिये पाचन तंत्र (Digestive System) का स्वस्थ होना पहली शर्त है। इसलिये यदि पाचन तंत्र सही नहीं हो तो (अधिकतर मामलों में पाचन तंत्र स्वस्थ नहीं होता है) सबसे पहले पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाने हेतु अपनी जीवनचर्या तथा खानपान की आदतों (Lifestyle and Food Habits) में बदलाव लाना बेहद जरूरी है।
 
1. सोना-जागना:
रात को 10-11 बजे तक जल्दी सो ही जाना चाहिए। जिससे सुबह 5-6 बजे तक बिस्तर छोड़ सकें। यदि 10-11 बजे तक नींद नहीं आती हो तो सोते वक्त किताब पढें। फिर भी नींद नहीं आये तो काउंसलिंग प्राप्त करें।
 
2. गुनगुना नींबू पानी:
सुबह जागते ही खाली पेट बिना कुल्ला किये, घूंट-घूंट करके 2-3 गिलास नींबू का रस मिला गुनगुना पानी पीने की आदत डालें।
 
3. गिलोय+त्रिफला पाउडर:
पानी पीने के दौरान ही गुनगुने पानी से ही शुद्ध ऑर्गेनिक गिलोय+त्रिफला के 5 ग्राम पाउडर की फंकी लें। यदि मल पतला नहीं आये या पेट साफ नहीं होता हो तो गिलोय+त्रिफला पाउडर की मात्रा हर सप्ताह आधा या 1 ग्राम बढायी जाती रहे।
 
4. खाली पेट चाय बंद:
सुबह खाली पेट चाय पीने की आदत को हमेशा को बंद कर दें।
 
5. नाश्ता:
7:00-7:30 बजे तक सुबह नाश्ता जरूरी है। अगर भूख नहीं हो तो सिर्फ एक ग्लास जूस का ले सकतें हैं। जूस संतरा, मौसम्मी, अनन्नास किसी का भी हो सकता है। अगर भूख है तो नाश्ते में कोई भी मौसमी फल (सेब, अंगूर, तरबूज, खरबूजा, आम) या अंकुरित साबुत अनाज खाएं।
 
6. सलाद+लंच+अलसी+छिलके वाली दाल:
12:30-1:30 बजे तक लंच लेना है। लेकिन भोजन से पहले टमाटर, खीरा, गाजर, चुकंदर आदि सलाद से 30-40% पेट भरें। दोपहर में दाल कम से कम, अधिकतम सप्ताह में 2 बार। प्रतिदिन 250 ग्राम तक बिना शक्कर मिलाये ताजा दही लें। संभव हो तो गेंहूं रहित जौ, मक्का, ज्वार, कुल्थी, चना मिश्रित आटे की रोटी और न्यूनतम तेल की सब्जी, दाल और रायता खायें। सब्जी, रायता दाल या पानी में न्यूनतम 5 ग्राम ऑर्गेनिक अलसी का ताजा पाउडर बुरक कर खायें/पियें। छिलके वाली दालों (Peel Pulses) में प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। प्रोटीन (Protein) के साथ ही दालों में-फोलिक एसिड (Folic acid), विटामिन ए (Vitamin A), विटामिन बी (Vitamin B) आदि होता है। छिलके वाली दालों का रोजाना सेवन शरीर में कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की मात्रा को कम करता है, जिससे आपका वजन नियंत्रित होता है।
 
7. तुख मलंगा ड्रिंक:
तुख मलंगा को चिया भी कहते हैं। दोपहर बाद या डिनर से 1-2 घंटा पहले एक गिलास पानी में 1 घंटे पहले भिगोया हुआ 10 ग्राम तुख मलंगा बीज का ड्रिंक पियें। तुख मलंगा के बीज कार्बोहाइड्रेट और फाइबर से भरपूर होते हैं। पेट को भरा हुआ अनुभव कराते हैं। जिससे भूख नहीं लगती है। यह शरीर के ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। पाचन को नियंत्रित करते। बीज प्रोटीन और ओमेगा -3 फैटी एसिड के एक अच्छे स्रोत हैं। इनमें भरपूर एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत में मदद करते हैं।
 
8. सलाद डिनर:
7:00-8:00 बजे तक डिनर लेना है। लेकिन शाम के भोजन/डिनर में टमाटर, खीरा, गाजर, चुकंदर आदि सलाद से ही पेट भरें। अगर आपको सलाद खाना पसंद नही है तो आप कोई भी कच्ची सब्जी, मौसमी फल (सेब, आम, अंगूर, नाशपाती आदि) भर पेट खा सकते हैं। डिनर में चावल-चपाती नहीं लेना हैं। अन्यथा स्थायी रूप से आपका वजन कम होना लगभग मुश्किल होगा।
 
9. रोटी सिर्फ एक बार:
यदि आप भोजन में एक बार से ज्यादा रोटी लेने लगेंगे तो मोटापा कभी कम नहीं हो पायगा। हां आप बीच-बीच में एक से अधिक बार नींबू, संतरा, मौसम्मी या पपीता (बाजारू नहीं) जूस भी पी सकतें हैं।
 
10. आंवला ड्रिंक:
शुद्ध, ताजा और ऑर्गेनिक आंवले के 5 से 10 ग्राम पाउडर को गुनगुने पानी में मिलाकर, उसमें आधा नींबू यानी 20 बूंद नींबू रस निचोड़ें और सोते समय पी जायें। गुनगुने नींबू पानी से आंवला पाउडर की फंकी भी ले सकते हैं।
 
11. पतला दूध:
भूख महसूस हो तो सोते समय एक गिलास फीका या स्टीविया पाउडर मिला पतला दूध पी सकते हैं। यह पूरी तरह से वैकल्पिक है।
 
12. लतों को त्यागें:
बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू, गुटखा, मांस, मदिरा आदि अस्वास्थ्यकर हैं। अत: इन्हें तुरंत बंद करें। यदि बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू, गुटखा, मदिरा की अत्यधिक तड़प होती है तो इस तड़प को रोकने की दुष्प्रभाव रहित होम्योपैथिक दवाई लें।
 
13. मांसाहार बंद:
मोटापा कम करना है तो दैनिक भोजन में चावल और मांसाहार बिलकुल बंद कर दें।
 
14. मीठा बंद:
मीठा खाना बिलकुल बंद करें। यदि मीठा खाने की अत्यधिक तड़प होती है तो इस तड़प को रोकने की दुष्प्रभाव रहित होम्योपैथिक दवाई लें।
 
15. चिकनाई बंद:
फैटी भोजन बंद या न्यूनतम करें। घी-तेल, मटन आदि फैट्सयुक्त भोजन बंद। बहुत जरूरी हो तो 24 घंटे में अधिकतम 4 मिलीलीटर तेल से बनी सब्जी खायें।
 
16. आलू बंद:
तेल या घी में तले-भुने आलू खाना बंद कर दें। यदि आपको नमकीन तली-भुंजी चीजें खाने की अत्यधिक तड़प होती है तो इस तड़प को रोकने की दुष्प्रभाव रहित होम्योपैथिक दवाई लें।
 
17. भरपूर पानी:
फ्रीज का पानी बंद, लेकिन सुबह से सोते वक्त तक बार-बार नॉर्मल पानी पीते रहें। दिनभर में कम से कम 5-6 लीटर पानी पीने की आदत डालें। मगर भोजन के बीच में पानी नहीं पियें।
 
18. नींद और आराम:
स्वस्थ व्यक्ति को 6-7 घंटे गहरी नींद पर्याप्त है। अधिक सोना और आराम करना वजन बढाता है।
 
19. व्यायाम:
रोजाना कम से कम 1 किलोमीटर धीमा दौड़ें या न्यूनतम 30 मिनट तेजी से चलें। किसी प्रशिक्षित और अनुभवी व्यक्ति की देखरेख में वजन कम करने वाले व्यायाम करें।
 
20. प्रोटीन:
नियमित रूप से प्रोटीनयुक्त भोजन का सेवन करें। इसके लिये सोयाबीन की मंगौड़ी श्रृेष्ट हैं।
 
21. छाछ:
लंच के बाद एक गिसास छाछ में कच्चा जीरा पाउडर एवं सेंधा नमक मिलाकर पियें।
 
भाग-2 दवाइयां:
 
1. होम्योपैथिक:
नाश्ते, लंच और डिनर से 10-10 मिनट पहले निम्न दो होम्योपैथिक दवाइयों में से 20-20 बूंद दवाई आधा कप सादा पानी में मिलाकर नियमित रूप से पीना है।
 
  • (1) Fucus Vesiculosus-Q
  • (2) Phytolacca Berry-Q
नोट: उक्त दवाई भारत की किसी अच्छी कम्पनी की या जर्मनी की सील पैक ही खरीदें।
 
2. बनौषधियों से निर्मित दवाई:
AC-11 Weight Remover Decoction-वजन घटाने वाला काढ़ा: इसे आप अपने घर पर थोड़ा सा परिश्रम करके खुद ही आसानी से बना सकते हैं। अत: आजमाया हुआ महत्वपूर्ण और अनुभवसिद्ध नुस्खा जनहित में सार्वजनिक किया जा रहा है:-
 
(1) ऑर्गेनिक पोदीना पाउडर 25 ग्राम।
(2) ऑर्गेनिक काली तुलसी के पत्तों का पाउडर 25 ग्राम।
(3) छोटी हरड़े पाउडर-पोदीना+तुलसी का 4 गुना-100 ग्राम।
(4) अजवायन, छोटी हरड़े का पांच गुणा यानी-500 ग्राम।
(5) काला नमक पाउडर पोदीना का दुगना यानी-50 ग्राम।
(6) सेंधा नमक पाउडर पोदीना का दुगना यानी-50 ग्राम।
 

बनाने की विधि:
उक्त क्रम (1) से (4) तक को पीसकर पाउडर बना लें और इसमें ऑर्गेनिक आंवले के रस की दो भावनाएं दें। अच्छी तरह से सूखने पर इसमें काला और सेंधा नमक मिला लें। सबको मिलाकर पाउडर बना कर हवाबंद कांच की बोतल या प्लास्टिक की थैली/डब्बे में बंद करके सुरक्षित रख लें।

घर बैठे मंगवायें:
यदि इसे बनाने में आपको कोई दिक्कत हो तो आप इसे घर बैठे प्राप्त करने हेतु मेरे हेल्थ वाट्सएप नम्बर: 8561955619 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

 
सेवन विधि:
400 मिलीलीटर की क्षमता के बर्तन में 200 मिलीलीटर पानी भरें और उसमें रोगी के मोटापे स्थिति, उम्र और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 10 से 50 ग्राम पाउडर को शाम को भिगों दें। सुबह इसे धीमी-धीमी आंच पर गर्म करें। जब पानी एक चौथाई अर्थात 100 मिलीलीटर शेष बचे तो इसे छान लें और छाने हुए पानी में एक चम्मच शुद्ध शहद को अच्छे से घोलकर/मिलाकर सुबह शौचादि से निवृत होकर प्रतिदिन खाली पेट यानी नाश्ते से पहले नियमित रूप से पियें। इसके कम से कम 30 मिनट बाद नाश्ता करें। दूसरे से छठे महिने तक पाउडर की मात्रा को बढाते जायें।
 
जीवनचर्या तथा खानपान की आदतों में बदलाव लाने और उक्त समस्त दवाइयों से प्रतिमाह 2 से 3 किलो तक वजन आसानी से स्थायी तौर पर कम किया जा सकता है। शुरू में परिणाम मिलने में कुछ समय लग सकता है। निराश नहीं हों। जिन लोगों में मोटापे की वंशानुगत प्रवृत्ति होती है, उनके लिये परिणाम मिलने में अधिक समय लग सकता है। मगर ध्यान रहे खानपान की आदतों में बदलाव लाने के साथ-साथ दौड़ना, घूमना और व्यायाम करने को जीवनचर्या का अंग बनाना होगा।
 
भाग-3 वजन कम करना क्यों जरूरी है? (Why is it important to lose weight?)
 
1-मोटापा कम करना कितना और क्यों जरूरी है?
यदि आपने मोटापे को कम नहीं किया तो लगे हाथ यह भी जान लें कि मोटापा आपके साथ क्या-क्या कर सकता है? नीचे लिखी हकीकत को पढने के बाद शायद आप समझ जायें कि वजन कम करके मोटापा कम करना कितना और क्यों जरूरी है?
 
2-विश्व मोटापा जागरूकता सप्ताह:
संसार की तकरीबन 20 फीसदी आबादी मोटापे की शिकार है। जिनमें महिलाओं तथा जंक-फूड खाकर बड़ी हो रही किशोर एवं युवा पीढी की संख्या अधिक है। तेजी से बढते मोटापे की महामारी के भयंकर खतरे को भांपते हुए ही विश्वभर में हर साल 15 से 19 अक्तूबर तक ‘विश्व मोटापा जागरूकता सप्ताह’ मनाया जाता है। जिससे मोटापे की भयावहता स्वत: प्रमाणित है! अत: यह समय रहते जान लेना बहुत जरूरी होगा कि यदि हमने अपना वजन कम करके मोटापे से छुटकारा नहीं पाया तो मोटापा हमारे साथ क्या-क्या कर सकता है?
 
(1) स्वस्थ्य और सामान्य जीवन असंभव:
मोटापा एक ऐसी मेडिकल कंडीशन (Medical Condition) है, जिसमें शरीर पर वसा यानी चर्बी की परतें इतनी अधिक मात्रा में जम जाती हैं कि इसके कारण स्वस्थ्य और सामान्य जीवन असंभव हो जाता है।
 
(2) मोटापा 50 से अधिक बीमारियों की वजह:
वैज्ञानिकों द्वारा सीधे तौर पर मोटापे को बीमारी नहीं माना जाता है, लेकिन खुद मोटापा 50 से अधिक बीमारियों की बड़ी वजह बन सकता है।
 
(3) मोटापे के दुष्प्रभाव (Side Effects of Obesity):
हाइपरटेंशन-हाई ब्लड प्रेशर ( Hypertension-High blood pressure), डायबिटीज ( Diabetes), हार्ट फेलियर (Heart Failure), अस्थमा (Asthma), कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol), अत्यधिक पसीना आना (Excessive Sweating), जोड़ों में दर्द (Joint Pains), गठिया (Arthritis), घुटनों का निष्क्रिय एवं नि:शक्त होना (Inactive and Disabled Knees), स्त्रियों में बांझपन (Infertility), पुरुषों में यौन कमजोरी या नामर्दी (Sexual Weakness or Impotency in Men), बवासीर (Piles or Hemorrhoids), भयंकर कब्ज (Severe Constipation), गैस्ट्रिक (Gastric), बदहजमी (Indigestion), पथरी (Stones), गुदाभ्रंश  (Rectum Collapse), फिशर (Fissures), त्वचा विकार (Skin Disorder) आदि होने का खतरा (Risk) बढ़ जाता है।
 
3-खुद ही खुद से सवाल करें?
शायद दूसरों को बताने में हमें शर्म और संकोच का अनुभव होगा, लेकिन अपने आप से बात करना तो मुश्किल नहीं। मगर शायद यही सबसे मुश्किल होता जा रहा है? क्योंकि खुद से बात करना बहुत जरूरी है! अत: खुद ही खुद से सवाल करें कि आपको वर्तमान जीवन में कौन-कौन सी स्वास्थ्य विकृतियों या व्याधियों का सामना करना पड़ रहा है? जवाब जो भी हो, निर्णय आपको ही करना है? आखिर किसी को क्या हक है? जीवन आपका है! जैसे चाहें जियें या भुगते?
 
अंतिम चेतावनी-यह भी आप खुद ही तय करें:
उपरोक्तानुसार सब कुछ जानने के बाद भी यदि आप तुरंत वजन कम करने हेतु जीभ के स्वाद, नशों की लत, आराम तलब जीवन शैली और आलस्य को त्यागना नहीं चाहते तो वृद्धावस्था से पहले ही वृद्ध, अपाहिज, नाकारा और बीमार होने पर अपने परिजनों द्वारा सेवा-सुश्रुषा नहीं करने पर, आपको शिकायत करने का कितना हक होगा? यह भी आप खुद ही तय करें?
 
नोट: मुझे खेद है कि लेख बड़ा हो जाने के कारण इसमें बहुत से विषय अनछुए रह गये या विस्तारित नहीं किये जा सके।
 
लेखन दिनांक: 20.09.2017, संपादन दिनांक: 19.11.2019
 
वैधानिक सूचनाः यहां दी गयी सामग्री केवल पाठकों के ज्ञानवर्धन और जागरूकता हेतु दी गयी है। अपने स्थानीय चिकित्सक की राय के बिना खुद अपना उपचार नहीं करें।
 
निवेदनः मरीजों की संख्या अधिक होने और समय की कमी के कारण, मैं, मुझ से सम्पर्क करने वाले सभी मरीजों का उपचार करने में असमर्थ हूॅं। अतः संभव हो तो कृपया किसी स्थानीय डॉक्टर/काउंसलर से सम्पर्क करें।

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