कोई भी डॉक्टर यह दावा नहीं कर सकता कि उसके इलाज से 100% रोगी ठीक हो सकते हैं?

 
कोई भी डॉक्टर यह दावा नहीं कर सकता कि
उसके इलाज से 100% रोगी ठीक हो सकते हैं?
>>>>>किसी भी देश के बड़े से बड़े अस्पताल और बड़े से बड़े डॉक्टरों द्वारा यह दावा नहीं किया जा सकता कि उनके यहां आने वाले सभी पेशेंट/रोगी गारण्टी के साथ ठीक/स्वस्थ कर दिये जाते हैं।

बावजूद इसके भी 21वीं शताब्दी में भी ऐसे डॉक्टरों की कमी नहीं है, जो सभी कानूनों का धता बताकर शर्तिया इलाज करने का दावा करते हैं। कानून की धज्जियां उड़ाकर रोगियों का गारण्टी के साथ इलाज करने का दावा करने वाले विज्ञापन भी करते हैं, लेकिन ऐसे कथित एक्सपर्ट डॉक्टरों के इलाज से 20% रोगी भी ठीक नहीं हो पाते हैं।
बल्कि ऐसे डॉक्टरों के यहां अपना वक्त और धन बर्बाद करके अनेक अंत में ऐसे रोगी इलाज हेतु आयुर्वेद या होम्यापैथ डॉक्टरों के पास ही आते हैं। मगर उनकी मनोदशा इस प्रकार की बन चुकी होती है कि वे आयुर्वेद या होम्यापैथ डॉक्टरों से भी गारण्टेड इलाज की उम्मीद करते हैं। बार-बार समझाने के बाद भी उनको गारण्टी ही चाहिये होती है। ऐसे रोगी हर माह में 2-4 डॉक्टर बदलते रहते हैं। यही नहीं उन्हें झटपट इलाज भी चाहिये होता है। कम से कम मैं ऐसे रोगियों का इलाज नहीं करता हूं।
 
>>>>>मगर यहां पर मुझे यह स्पष्ट करना बहुत जरूरी है कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति में तुरंत परिणाम सामने आते हैं। जैसे दवाई लेने के तुरंत बाद बुखार या दर्द कम हो सकते हैं। मगर जिन जटिल एवं पुरानी तकलीफों में तुरंत प्रभाव करने वाली दवाइयां स्थायी असर/आरोग्य नहीं कर पाती हैं, उन मामलों में रोगी अनेकों वर्षों तक इलाज लेकर भी परेशान रहने/होने के बाद या ऑपरेशन के डर से आयुर्वेद और, या होम्योपैथी डॉक्टरों की शरण में आते देखे जाते हैं। ऐसे रोगियों को इस बात को समझना चाहिये कि वर्षों पुरानी तथा अनेक नकारात्मक दवाइयों के जरिये अंदर दबा दिये गये या बिगाड़ दिये गये रोगों को तुरत-फुरत या गारण्टी के साथ कैसे ठीक किया जा सकता है? कोई भी होम्यापैथ या आयुर्वेद का डॉक्टर अपनी ओर से केवल प्रयास ही कर सकता है। मगर अधिकतर रोगी इस बात को न तो समझते हैं और न ही समझना चाहते हैं। इस कारण भी ऐसे रोगियों की लुटाई भी खूब होती है।
 

>>>>>उदाहरण के लिये-

 

  1. कोष्ठबद्धता, कब्ज या मलावरोधता (Constipation or Costiveness)
  2. अपच (Indigestion/Dyspepsia)
  3. एसिडिटी (Acidity/Sourness)
  4. क्षुधानाश/भूख न लगना (Loss of Appetite)
  5. फैटी लीवर (Fatty Liver)
  6. हैपेटाइटिस/यकृतशोथ (Hepatitis)
  7. लीवर संक्रमण (Liver Infection)
  8. तिल्ली में सूजन (Swelling in the Spleen)
  9. मरोड़+आंव के साथ मलत्याग, पेचिश/आमातिसार (Dysentery)
  10. हैपेटाइटिस (Hepatitis)
  11. बवासीर (Hemorrhoids or Piles)
  12. गुदाभ्रंश (Rectal Prolapse)
  13. फिशर/भगन्दर/फिस्टुला (Fissure/Fistula)
  14. योनिभ्रंश (Uterine Prolapse)
  15. रक्ताल्पता (Anemia)
  16. प्रदर (Leucorrhoea)
  17. प्रमेह/सूजाक (Gonorrhea)
  18. शीघ्रपतन (Early or Premature Ejaculation)
  19. यौन कमजोरी (Sexual Weakness)
  20. अनिद्रा/उन्निद्रता (Insomnia)
  21. हड्डी संक्रमण (Bone Infection)
  22. गठिया/आर्थराइटिस/संधिशोथ (Arthritis)
 
>>>>>आदि जटिल रोगों से पीड़ित 99% रोगी हमारे पास इलाज हेतु तब आते हैं, जबकि वे उक्त तकलीफों का वर्षों तक नाकाम इलाज करवा-करवा कर, जटिल और लाइलाज जैसा बना चुके होते हैं। इसके बाद वे हम से तुरंत तथा गारंटीड इलाज (Instant and Guaranteed Treatment) की उम्मीद करते हैं! यह असंभव है।
 
हां यदि इन तकलीफों से पीड़ित रोगी शुरू में ही किसी अनुभवी होम्यापैथ या आयुर्वेद के डॉक्टर से सम्पर्क करता है तो तुलनात्मक रूप से श्रृेष्ठ परिणामों की उम्मीद की जा सकती है। इन हालातों में मेरे जैसा व्यक्ति सिर्फ इतना ही कह सकता है कि ”मुझ से तुरंत और गारंटेड इलाज की उम्मीद नहीं करें। हां मैं, मेरी ओर से 100% कोशिश अवश्य करूंगा।”
 
>>>>>अंत में यही लिखना चाहूंगा कि जटिल तकलीफों से पीड़ित रोगियों को गारण्टी की उम्मीद करने के बजाय धैर्यपूर्वक किसी अनुभवी होम्योपैथ या आयुर्वेद के डॉक्टर से  इलाज करवाना चाहिये। क्योंकि कोई भी डॉक्टर यह दावा नहीं कर सकता कि उसके इलाज से 100 के 100% रोगी ठीक हो ही जाते है?

लेखन: -सोमवार, 29 अक्टूबर, 2018, 07.28 बजे। अंतिम संपादन दिनांक: 03.02.2020

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