इम्यूनिटी बढायें और स्वस्थ रहें-Increase immunity and stay healthy

 
इम्यूनिटी बढायें और स्वस्थ रहें
Increase Immunity and Stay Healthy
 
मजबूत इम्यून सिस्टम (Immune System) यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता हमारे शरीर की वह प्राकृतिक व्यवस्था या सिस्टम है, जो बैक्टीरिया, वायरस, फंगस या किसी भी बाहरी नुकसान दायक एवं विषैले तत्वों (टॉक्सिंस) का प्रतिरोध या मुकाबला करके, उसे शरीर से बाहर निकाल फेंकता है। इसलिये हमारा मजबूत इम्यून सिस्टम, हमें हमेशा स्वस्थ, चुस्त और दुरुस्त रखता है। वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाये तो ब्लड टेस्ट जांच करवाने से इम्यून सिस्टम के कमजोर होने की पुष्टि हो सकती है, लेकिन यदि हम ध्यान दें तो हमारा शरीर भी ऐसे साफ संकेत देता रहता है, जिनसे इम्यून सिस्टम के कमजोर होने का पता चल जाता है।
 

कमजोर इम्युनिटी के लक्षण (Symptoms of Poor Immunity):

1-अगर आपका मन बुझा-बुझा सा रहता है। किसी काम में मन नहीं लगता। थकावट सी बनी रहती है। कोई न कोई बीमारी लगी ही रहती है। परिवार के दूसरे सदस्यों की तुलना में बार-बार बीमार पड़ना। जरा सी चोट लग जाये, घाव बन जाये और भरने का नाम ही नहीं ले। मौसम बदलते ही सबसे पहले ऐसे लोगों को अधिक समस्या होती है। जरा सा मौसम बदला या जरा सी सर्दी लगी कि सर्दी, जुकाम, बुखार, छींकें, एलर्जी, सिरदर्द, खांसी, स्किन रैशेज यानी त्वचा पर चकत्ते होना आदि कमजोर रोग प्रतिरोध क्षमता कमजोर होने या इम्यून सिस्टम के कमजोर होने के स्पष्ट संकेत होते हैं। जिन भी लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उन्हें बार-बार यूरीन इंफेक्शन यानी पेशाब में संक्रमण, डायरिया यानी दस्त लगना, मसूड़ों में सूजन, मुंह में छाले की सूजन आदि की शिकायत होती ही रहती है।
 
2-हमारी इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता का 80 फीसदी इंडिकेटर यानी संकेतक तो हमारा पेट ही होता है। हम में से जब भी किसी को लंबे समय तक कब्ज, अपच, एसिडिटी, ब्लोटिंग या गैस की शिकायत बनी रहती हो तो साफ तौर पर यह कमजोर इम्यून सिस्टम का लक्षण है। पेट खराब रहने का सीधा-सा मतलब है, खराब और अच्छे बैक्टीरिया में सही बैलेंस यानी संतुलन नहीं बन पा रहा है। इस स्थिति में रेग्युलर एक्सरसाइज करनी चाहिए और अपने डॉक्टर की सलाह से अपने भोजन में उचित मात्रा में लहसुन, अदरक, दालचीनी और लौंग जैसे शुद्ध मसालों और पोषक तत्वों या औषधियों सेवन करना चाहिये।
 
3-विटामिन डी-3 का स्तर भी इम्यूनिटी का लेवल बता देता है। यदि किसी की ब्लड टेस्ट रिपोर्ट में विटामिन डी का लेवल कम पाया जाता है तो ऐसे व्यक्ति को विटामिन डी का लेवल सही करने के लिए तुरंत सजगह हो जाना चाहिये। ध्यान रहे विटामिन डी-3 की कमी से इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर हो जाता है।
 
4-विटामिन डी-3 के कारण उपरोक्त उल्लेखित तकलीफों के अलावा थकान, सुस्ती, शरीर में ढीलापन, अनिद्रा, उनींदापन, उदासी, डिप्रेशन, आंखों के नीचे डार्क सर्कल यानी काले घेरे बनने की समस्याएं, यौन सम्बन्ध बनाने में अरुचि, यौनेच्छा का अभाव, अपर्याप्त यौनेच्छा या यौन उत्तेजना का अभाव, स्त्रियों की माहवारी में अनियमितता आदि प्रमुख लक्षण हो सकते हैं।
 
5-इसके लिये नियमित रूप से पर्याप्त समय तक धूप में रहना चाहिए। साथ ही पौष्टिक भोजन लेना चाहिए और जरूरत पड़ने पर अपने डॉक्टर की सलाह से शुद्ध एवं ताजा जड़ी-बूटियों से निर्मित सप्लीमेंट्स यानी पोषक तत्वों का सेवन भी करना चाहिए। मगर ध्यान रहे, इसके समाधान हेतु यथासंभव दुष्प्रभावी एलोपैथिक दवाइयों के सेवन से बचें।
 
इम्यूनिटी कमजोर होने के प्रमुख कारण (Major Causes of Immunity Weakness):
 
जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हो चुकी है या जो लोग चाहते हैं कि उनकी इम्यूनिटी कभी भी कमजोर नहीं हो, वे यह अवश्य जानना चाहेंगे कि इम्यूनिटी कमजोर होने के प्रमुख कारण क्या हैं? अत: इस बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत है:-
 
1. शारीरिक श्रम या व्यायाम नहीं करना:
शारीरिक श्रम या व्यायाम नहीं करने से इम्यूनिटी कमजोर होने और बीमार पड़ने का खतरा दोगुना बढ़ जाता है। अत: विशेषज्ञों के मुताबिक, कम से कम 30 मिनट नियमित रूप से कठोर शारीरिक श्रम या व्यायाम अवश्य करना जरूरी है।
 
2. ताजा फल-सब्जियों का अभाव:
मजबूत इम्यून सिस्टम के लिए माइक्रो न्यूट्रिएंट्स जैसे विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स की जरूरत होती है। ताजा एवं ऑर्गेनिक फलों और हरी सब्जियों में ऐसे तत्व मौजूद पाये जाते हैं, जो हमारे इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं। मगर दु:खद तथ्य यह भी है कि इन दिनों ताजा एवं ऑर्गेनिक फल तथा सब्जियों का मिलना लगभग असंभव सा होता जा रहा है।
 
3. तनाव:
वर्तमान समय में भागदौड़ भरी जिंदगी में, हर समय, प्रत्येक व्यकित को तनाव की समस्या बनी रहती है, लेकिन लंबे समय तक तनाव होने या तनाव रहने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। कुछ एक्सपर्ट्स यहां तक दावा करते हैं कि 90 फीसदी बीमारियों के लिए, जिसमें कैंसर और हार्ट डिजीज भी शामिल हैं, कहीं न कहीं तनाव जिम्मेदार होता है।
 
4. हंसी गायब हो जाना:
शोधकर्ताओं के मुताबिक, एक घंटे के लिए खुल कर हंसने वाले लोगों का इम्यून सिस्टम, अन्य लोगों के मुकाबले ज्यादा मजबूत होता है। इसके विपरीत लोगों के जीवन से हंसी गायब होती जा रही है। अधिकतर लोगों के चेहरे गंभीर या बुझे हुए दिखते हैं। जिसके कारण उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो रही है।
 
5. मोटापा:
मोटापे का सीधा संबंध अनियमित एवं अनुचित भोजन और शारीरिक श्रम या व्यायाम की कमी से है। मोटापे के कारण इम्युनिटी कमजोर होती है।
 
6. अनिद्रा:
नियमित रूप से पर्याप्त नींद न लेने का इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक असर पड़ता है। इससे कीटाणुओं से लड़ने के लिए वांछित प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाएं कम होने लगती हैं और आप कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए नियमित रूप से समय पर न्यूनतम 6 से 8 घंटे की गहरी नींद लेना बहुत जरूरी है। जिसमें रात्रि 12 से 04 बजे की नींद का शामिल होनी जरूरी है।
 
7. कम पानी:
सही समय पर, शरीर की मांग के अनुरूप उचित मात्रा में पानी नहीं पीने का बुरा असर इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है। इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाये रखने और स्वस्थ बने रहने के लिए 24 घंटे में 2-3 लीटर पानी अवश्य पीना चाहिये।
 
8. कैफीन का सेवन:
कुछ लोग बिना सोचे-समझे अधिक सक्रिय यानी एक्टिव रहने के लिए दिन में 3-4 कप कैफीन का सेवन कर लेते हैं। जबकि ज्यादा मात्रा में कैफीन का सेवन करने से तंत्रिका तंत्र उत्तेजित हो जाता है। जिसकी वजह से शरीर में तनाव बढ़ने लगता है और तनवा की वजह से कोर्टिसोल रिलीज होने लगते हैं, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है।
 
9. जंक फूड:
बाजार में इन दिनों जंक फूड को बेचने का चलन तेजी से बढा है। किसी भी वस्तु की विक्री, क्रेताओं की मांग पर निर्भर करती है। युवा पीढी जंक फूड के जाल में फंस चुकी है। जंक फूड में अस्वस्थ फैट और ऑयल होते हैं, जो शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। जिनके कारण इम्यून सिस्टम कमजोर होने तथा मोटापा बढने का खतरा बढ जाता है।
 
10. साफ सफाई यानी हाइजीन पर ध्यान न देना:
अनेक लोग आलस, सुस्ती या आधुनिकता के चलते हाइजीन के बारे में ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं, जिसकी वजह से इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है। जैसे-हाथ धोए बिना भोजन करना, जबकि हाथ सीधे तौर पर कई कीटाणुओं के संपर्क में आते रहते हैं। अस्वस्थ या संक्रमणग्रस्त लोगों के साथ एक थाली में भोजन करना। इन सबकी वजह से इंफेक्शन होने तथा बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। हाइजीन में रोज नहाना, हाथ धोकर भोजन करना, नाखूनों को साफ रखना भी शामिल होता है।
 
सबसे महत्वूपर्ण तथ्य:
 

किसी भी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम यकायक या थोड़े से समय में खराब या बहुत ज्यादा कमजोर नहीं होता है। यह स्थिति लम्बे समय तक अपने स्वास्थ्य की अनदेखी करने का अंतिम दुष्पपरिणाम होता है। इसलिये इसे सुधारने यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में भी लम्बा समय लगता है। जिसके लिये नियमित रूप से धैर्यपूर्वक उचित उपचार लेना और पोषक औषधियों का लम्बे समय तक सेवन बहुत जरूरी है। इससे भी जरूरी है, पाचन तंत्र को ठीक करना। क्योंकि यदि पाचन तंत्र स्वस्थ नहीं होगा तो पोषक तत्वों या औषधियों का सेवन करना भी निरर्थक हो जायेगा। जबकि कमजोर इम्यून सिस्टम से परेशान अधिकतर लोग तुरत-फुरत परिणाम चाहते हैं, जो बहुत मुश्किल, बल्कि असंभव है। इस कारण ऐसे लोगों की लुटाई भी होती रहती है।

मैं अपने पेशेंट्स को डाइजेशन सिस्टम को ठीक करने हेतु और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने हेतु लक्षणानुसार होम्योपैथिक दवाइयों तथा इम्यूनिटी बूस्टर पाउडर के साथ-साथ जरूरत के अनुसार लीवर क्लींजिंग एंड क्योरिंग पाउडर, कायाकल्प पाउडर, इंडाइजेशल क्योर पाउडर, ऑर्गेनिक ऑर्गेनिक फ्लैक्ससीड्स, लॉस्ट पावर गेनर पाउडर, स्टैमिना एवं बलवर्धक पाउडर आदि भी उपलब्ध करवाता हूं। इसी क्रम में आज 03.02.2020 को फिर से Immunity Booster Powder (इम्यूनिटी बूस्टर पाउडर-रोग प्रतिरोधक क्षमता वर्धक पाउडर) बनाया गया है। यह कुल 15 जड़ी बूटियों, (जिनमें अधिकतर ऑर्गेनिक हैं) के मिश्रण से तैयार किया गया है। यह नुस्खा बहुत प्रभावशाली है। यद्यपि यह सीधी विक्री हेतु नहीं होकर, केवल मेरे पेशेंट्स के उपयोग हेतु ही बनाया गया है। कुछ लोग तथा व्यापारी इसकी सीधे मांग करते रहते हैं, चाहते हुए भी ऐसे लोगों की मांग की पूर्ति करना असंभव है।

लेखन दिनांक: 03.02.2020 अंतिम बार संपादन दिनांक: 04.02.2020.
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