हस्तमैथुन (Masturbation) में आनंद आता है, लेकिन संभोग (Sexual Intercourse) में नहीं, क्या करूँ?

 

हस्तमैथुन में आनंद आता है, लेकिन संभोग में नहीं, क्या करूँ?

समस्या: डॉ. साहब मेरी उम्र चौबीस साल है! मैं जब 14-15 वर्ष का था, तब से ही हस्तमैथुन कर रहा हूँ! पिछले वर्ष मेरी शादी हो गयी। मुझे पत्नी के साथ सेक्स करने में कोई आनंद नहीं आता। पत्नी की योनि पहले दिन से ही ढीली-ढाली है, जिसमें से न जाने सफेद-सफेद सा क्या निकलता रहता है? योनी से बदबू भी आती रहती है! पत्नी चिड़चिड़ी भी रहने लगी है! बार-बार अपने पीहर जाने की जिद करती रहती है। एक वर्ष में मुश्किल से तीन महिने मेरे साथ रही है! उसकी मुझमें और सेक्स करने में कोई रुचि नहीं है! वह मुझसे प्यार भी नहीं करती है। मुझे संदेह है कि उसके विवाह से पूर्व से ही किसी से यौन सम्बन्ध हैं, इसी कारण से उसकी योनि बिलकुल ढीली-ढाली है। इस कारण मैं बहुत परेशान रहता हूँ, क्या करूँ? कृपया मुझे ऐसी सलाह दें कि मैं जिन्दा रह सकूँ और मेरा वैवाहिक जीवन बच जाये! मेरी पत्नी मुझे पूरी तरह से स्वीकार कर ले और मैं उसके साथ सेक्स का पूर्ण आनंद ले सकूँ।-रमेश चंद शर्मा, इंदौर, मध्य प्रदेश।

समाधान: श्री रमेश चंद जी आप ऐसे पहले व्यक्ति नहीं हैं, जो किशोरावस्था से हस्तमैथुन (Masturbation) करते रहे हैं, तकरीबन हर एक युवा और अधिकतर युवतियां अपने जीवन में कभी न कभी जाने-अनजाने हस्तमैथुन करते ही हैं। साथ ही यह भी बतला दूँ कि मानव जाति का जितना पुराना इतिहास है, उतना ही पुराना पुरुषों द्वारा हस्तमैथुन किये जाने का इतिहास है। हाँ यदि आप आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के वाहक अर्थात् ऐलोपैथ चिकित्सकों से पूछेंगे तो वे आपको नि:शंकोच कहेंगे कि हस्तमैथुन करने से कोई नुकसान नहीं होता है। आजकल अनेक अन्य पैथी के चिकित्सक भी ऐलोपैथ चिकित्सकों की देखादेख इसी प्रकार की राय व्यक्त करने लगे हैं। इसका हमारी युवा पीढी को बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसलिए मेरे पास सलाह लेने आने वाले अनेक युवा अधिकतर यही सवाल करते हैं कि-

‘‘जब ऐलोपैथ चिकित्सकों का कहना है कि हस्तमैथुन से कोई नुकसान नहीं होता तो फिर हस्तमैथुन करने वालों को सेक्स करने में परेशानी क्यों हो रही है?’’

इस बारे में मेरा भी स्पष्ट रूप से मानना है कि-

यदि केवल सिद्धान्त की बात करें तो हस्तमैथुन से सीधे तौर पर कोई शारीरिक हानि नहीं होती है, लेकिन व्यवहार की बात करें तो हस्तमैथुन से युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है (Masturbation is ruining the young generation)। दु:खद तो यह है कि आजकल तो अविवाहित लड़कियां और स्त्रियॉं भी हस्तमैथुन करने लगी हैं। (Nowadays, unmarried girls and women are also masturbating)

कड़वी हकीकत तो ये है कि पुरुषों और स्त्रियों दोनों को हस्तमैथुन के मानसिक और शारीरिक दुष्परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं। जिसके चलते अनेक विवाह असमय बिखर और टूट रहे हैं। अनेकानेक दम्पत्ति हर पल मर-मर कर जी रहे हैं। बहुत सारे युवक और युवतियां इस कारण मानसिक रूप से इस कदर टूट चुके हैं कि विवाह करने के नाम से ही डरने लगे हैं। इसी रुग्ण मानसिकता (Sick mentality) के चलते अनेक स्त्री और पुरुष आत्महत्या तक कर लेते हैं। केवल यही नहीं, बल्कि केवल इस वजह से भी इन दिनों विवाहेत्तर यौन सम्बन्धों (Extramarital sex) का प्रचलन भी बढ रहा है।

श्री रमेश जी आप और आप जैसी समस्या से ग्रस्त युवकों और पुरुषों से मेरा साफ शब्दों में कहना है कि आप हस्तमैथुन को और इसके वास्तविक कुप्रभावों (Bad influences/Bad Effects) को समझने से पूर्व निम्नलिखत कुछ मूलभूत एवं व्यावहारिक बातों को खुले मन से समझने का प्रयास करें:-

  • 1. हस्तमैथुन (Masturbation) करने वाले युवक-पुरुष अपनी हथेली से अपनी इन्द्रिय (Organ) या (Penis) पेनिस) पर मनमाफिक/इच्छानुसार दबाव और घर्षण (A friendly pressure and friction) के साथ अपनी इन्द्रिय को उत्तेजित करके यौनसुख (Sexual Pleasure) प्राप्त करने के आदी (Addicted) हो चुके होते हैं।
  • 2. हस्तमैथुन (Masturbation) करने वाले नवयुवकों द्वारा वर्षों तक तक लिंग पर अपनी हथेली से मनमाफिक दबाव के साथ वीर्यपात (Ejaculation) करके यौनसुख प्राप्त करने की जो आदत (habit) पड़ जाती है, वह उनके अवचेतन मन (Subconscious mind) में स्थापित (Established) हो चुकी होती है।
  • 3. इस कारण हस्तमैथुन करने के आदी ऐसे युवक पहली बार जब किसी स्त्री के साथ सेक्स करते हैं, तो उन्हें अपनी पत्नी, प्रेमिका या महिला साथी से वह सुख मिल ही नहीं पाता, जो स्वाभाविक सेक्स (Natural Sex) में मिलना चाहिये।
  • 4. क्योंकि हस्तमैथुन के आदी युवक इस बात को समझने के लिये मन से तैयार नहीं रहते/होते हैं कि स्त्री योनि का आन्तरिक हिस्सा बहुत ही नाजुक और लचीला होता है तथा हस्तमैथुन करने वाले उनके, अपने हाथ या हथैली की कठोरता की तुलना में तो योनि का आंतरिक हिस्सा बेहद कौमल होता है, जो हस्तमैथुन के अभ्यस्त पुरुषों को स्वाभाविक रूप से ढीलाढाला ही अनुभव होगा। जिसके बारे में रमेश जी ने अपनी समस्या में जिक्र किया है।
  • 5. जबकि प्रकृति की अनुपम सौगात (Unique gift of nature) योनि की अनौखी कौमलता को ऐसे दुर्भाग्यशाली युवक समझ ही नहीं पाते हैं और ऐसे युवक हस्तमैथुन के जरिये प्रापत अप्राकृतिक यौनसुख को ही सच्चा सेक्स एवं सच्चा यौनानन्द (Sexual Pleasure) समझ बैठते हैं।
  • 6. इसके आलावा ये बात भी समझने वाली है कि एक नयी-नवेली स्त्री (दुल्हन) द्वारा (किसी अभ्यस्त अनुभवी स्त्री की भांति) अपनी योनि को सिकोड़ कर पुरुष के यौनांगों (पेनिस) पर उतना दबाव डाल पाना सम्भव भी नहीं हो पाता है, जितना कि सेक्स क्रिया की अभ्यस्त हो जाने के बाद एक स्त्री द्वारा डाला जा सकता है।
  • 7. इसके कारण हस्तमैथुन के आदी रहे युव​कों और पुरुषों को स्त्री के साथ सेक्स करने में कोई आनन्द नहीं आता है। (इसी प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति हस्तमैथुन की आदी स्त्रियों के साथ भी होती है। जिस पर फिर कभी अलग से चर्चा की जायेगी।)
  • 8. युवकों या पुरुषों के मामलों में एक बड़ी वजह यह भी होती है कि आमतौर पर युवकों को यह भ्रान्ति होती है कि पहली बार सेक्स करते समय स्त्री की योनि में अपनी इन्द्रिय (पेनिस) को आसानी प्रवेश नहीं करवाया जा सकेगा, बल्कि उसे ताकत लगाकर घुसेड़ना पडे़गा, जबकि इसके विपरीत यदि नवविवाहिता स्त्री की योनि में पुरुष का इन्द्रिय पहली ही बार में बिना अतिरिक्त प्रयास के आसानी से प्रविष्ठ हो (घुस) जाता है, तो नवविवाहित युवक की सारी फंतासी कल्पनाएँ धराशाही हो जाती हैं।
  • 9. ऐसे युवक को स्त्री की योनि में आसानी से इन्द्रिय के प्रवेश हो जाने पर, उसकी कल्पनाओं के विपरीत प्राप्त ढीली योनि से प्राप्त होने वाले कम या अपूर्ण यौनसुख की तुलना में कहीं अधिक पीड़ा इस बात की होती है कि यदि योनि में आसानी से इन्द्रिय प्रविष्ठ हो रहा है तो ऐसे युवक यह मान लेते को विवश हो जाते हैं कि उनकी पत्नी अक्षतयोनि (Virgin) नहीं है।
  • 10. ऐसी स्थिति में नवयुवक यह धारणा बना लेते हैं कि उनकी पत्नी ने विवाह से पूर्व सेक्स का अनुभव प्राप्त किया है। उन्हें लगता है कि उन्हें किसी अन्य पुरुष द्वारा उपयोग की जा चुकी अर्थात सेकैण्डहैंड पत्नी मिली है। आजकल अनेक मामलों में यह सच्चाई भी है। क्योंकि अनेक लड़कियां विवाह से पूर्व सेक्स का अनुभव प्राप्त कर चुकी होती हैं। जैसा कि प्रस्तुत मामले में रमेश जी का मामला है, इसमें जैसा इन्होंने बताया है, यदि वह सब सच है तो इनकी पत्नी के विवाह पूर्व सेक्स करने की अभ्यस्त रही है, जिसके चलते भी उसकी योनि ढीली-ढाली हो सकती है।
  • 11. इस बारे में लीक से हटकर एक और बात भी मैं बताना जरूरी समझता हूँ, जिस प्रकार से वर्तमान में कन्या भ्रूणहत्या के चलते लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या कम हो गई है और लड़कों को आसानी से दुल्हन नहीं मिल रही हैं, उसी प्रकार से विवाह पूर्व लड़कों द्वारा अपनी अविवाहित प्रेमिकाओं-लड़कियों के साथ यौन-सम्बन्ध (Sexual Intercourse) बनाने की प्रवृत्ति के चलते, युवकों को अक्षतयोनि (Virgin) दुल्हनें नहीं मिल पा रही हैं।
  • 12. इसलिए हर एक यवुक को इस बात को ठीक से समझ लेना चाहिए कि यदि आप किसी अविवाहित लड़की के साथ यौन-सम्बन्ध बना रहे हैं, तो साथ ही यह भी मानकर चलें कि वह अविवाहित लड़की भी भविष्य में किसी की पत्नी बनने वाली है और इसी प्रकार से ये भी सम्भावना हो सकती है कि आपकी होने वाली पत्नी भी किसी अन्य की बाहों की शौभा बढाने के बाद ही आपकी सेज पर दुल्हन बनकर आने वाली है।
  • 13. इन हालातों में विवाहपूर्व यौन-सम्बन्ध बना चुकी दुल्हन की योनी का ढीली-ढाली होना स्वाभाविक है। कुवांरी लड़कियों को भी समझना होगा कि यदि वे विवाह पूर्व किसी पुरुष से सेक्स करती हैं तो उनको भी पहले से ही सेक्स का अभ्यस्त पति मिलने की अधिक सम्भावना होगी। हालाँकि भारतीय सन्दर्भ और हालातों में इसके लिये अकेली स्त्री को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं।
  • 14. इसके अलावा यह बात भी समझने की है कि यदि स्त्री विवाहपूर्व सेक्स की अभ्यस्त (Premarital Sex Habitual) नहीं भी रही है, तो भी हस्तमैथुन के आदी युवकों को तो नवविवाहिता पत्नी की योनि में सहज ही वो मजा-आनंद आ ही नहीं सकता, जो उन्हें हस्तमैथुन के दौरान आता रहा है।
  • 15. जब तक युवक सेक्स की वास्तविकता को स्वीकार करके अपनी रुग्ण मानसिकता को नहीं बदलेंगे, तब तक न तो वे खुद सुखी रहेंगे और न ही वे अपनी पत्नी को सुखी रख सकेंगे। इसलिये रमेश जी आप इस बात को स्वीकार करें कि यदि आपने विवाह से पूर्व हस्तमैथुन किया है और यदि मान लें कि आपकी पत्नी ने विवाह से पूर्व सेक्स किया है या हस्तमैथुन किया है, जिसके चलते, आपके अनुसार आपकी पत्नी की योनि ढीली-ढाली है, तो भी यदि आप अपने दाम्पत्य जीवन को बचाना चाहते हो और अपनी पत्नी के साथ ही अपना वैवाहिक जीवन निष्ठापूर्वक व्यतीत करना चाहते हो तो आप को सबसे पहले तो स्वयं को हस्तमैथुन के बारे में सब कुछ भुलाकर पत्नी के साथ संसर्ग को ही सच्चा और स्वाभाविक यौनसुख मानकर इसे पूरी तरह से स्वीकारना होगा। अन्यथा आप अपना और अपनी पत्नी का जीवन बर्बाद कर देंगे।
  • 16. इसके अलावा मैं डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा (8561955619) आपको विश्‍वास दिलाना चाहूँगा कि यदि आप किसी योग्य होम्योपैथ और, या आयुर्वेद के डॉक्टर से मिलकर अपनी सारी समस्या को बताओगे तो तुम्हारी पत्नी की योनि में फिर से कसावट (Vaginal Drag) आ सकेगी। तुम स्वयं भी हस्तमैथुन जनित मानसिक परेशानियों से मुक्त हो सकते हो, क्योंकि होम्योपैथी में इस प्रकार की अनेक चमत्कारिक परिणाम देने वाली दवाईयॉं हैं, लेकिन इससे साथ-साथ आपको यह निश्‍चय करना होगा कि आप भविष्य में गलती से भी कभी हस्तमैथुन करना तो दूर इस बारे में सोचोगे भी नहीं।
  • 17. एक बात और अपनी पत्नी के साथ सेक्स करते समय हस्तमैथुन से प्राप्त यौन सुख के बारे में कभी नहीं सोचें। हस्तमैथुन से प्राप्त यौन सुख और स्त्री से प्राप्त यौन सुख दोनों प्रकार के यौन-आनन्द की कभी भी तुलना नहीं करें, बल्कि इसके विपरीत सेक्स के दौरान अपनी पत्नी के शारीरिक सौन्दर्य, उसके नयन-नक्श तथा उसके कामुक यौनांगों के बारे में ही सोचेंगे, बात करेंगे और सेक्स करने से पूर्व फोरप्ले अर्थात भरपूर रोमांस करेंगे तो आप कुछ ही समय बाद अपनी पत्नी की ढीली-ढाली योनि को भूल जायेंगे और आपको अपनी पत्नी की जैसी भी योनी है, उसी में पूर्ण यौनसुख प्राप्त होने लगेगा। क्योंकि सेक्स शरीर से कहीं अधिक मानसिक क्रिया है, जिसके लिए आप दोनों को अपने दोनों के भूत काल को भूलकर एक दूसरी को, अपनी सभी अच्छाईयों और कमियों के साथ बिना किसी पूर्वाग्रह के खुले मन (Open mind) तथा तहेदिल (Irrespective) से स्वीकार करना होगा।
  • 18. यहां यह बतलाना भी जरूरी समझता हूँ कि आजकल ऐलोपैथ चिकित्सक युवकों को खुलेआम यह सलाह देते देखे जाते हैं कि हस्तमैथुन करने से कोई नुकसान नहीं होता है। मैं भी मानता हूँ कि सीधे तौर पर कोई बड़ा शारीरिक नुकसान नहीं होता, लेकिन इसके मानसिक कुप्रभाव अत्यंत गम्भीर एवं घातक होते हैं। जिनके बारे में ऊपर लिखा जा चुका है। सेक्स के समय हथेली के दबाव और योनि की कमजोर पकड़ के बारे में मानसिक स्तर पर चलने वाला अन्तर्रद्वंद्व आपके सम्पूर्ण वैवाहिक जीवन को बर्बाद कर सकता है।
  • 19. इसलिये सभी युवकों को मेरी सलाह है कि हस्तमैथुन के मानसिक कुप्रभावों से बचने के लिये सर्व-प्रथम तो हस्तमैथुन कभी नहीं करें और यदि अब से पूर्व कोई युवक हस्तमैथुन करता रहा है तो या किसी पुरुष के जीवन में हस्तमैथुन करना परिस्थितिजन्य विवशता हो तो हस्तमैथुन एवं यौनिजनति यौनसुख की आपस में तुलना करके अपने यौन जीवन को बर्बाद नहीं करें।
  • 20. श्री रमेश जी जहॉं तक आपकी पत्नी या किसी भी स्त्री की योनि से सफेद-सफेद द्रव्य निकलने और बदबू आने का सवाल है तो यह एक ऐसी शारीरिक समस्या हो सकती है, जिससे अधिकतर स्त्रियॉं जीवन में कभी न कभी अवश्य ही पीड़ित रहती हैं और अनेक तो ताउम्र ही पीड़ित रहती हैं। इस कारण स्त्रियॉं इसे अधिक गम्भीरता से नहीं लेती हैं। इस बीमारी को श्‍वेत प्रदर (Blennenteria) या सफेद पानी या ल्यूकोरिया (Leucorrhoea) के नाम से जाना जाता है। जिसके अनेक कारण हो सकते हैं, जिन पर कभी भविष्य में अलग से चर्चा करेंगे, लेकिन आपको अपनी पत्नी का किसी योग्य चिकित्सक से पूर्ण उपचार करवाना चाहिये। यह समस्या ऐसी नहीं है कि इसका उपचार सम्भव नहीं हो।
  • 21. अब अन्तिम बात आपकी नयी-नवेली पत्नी, जिसके साथ आपको यौनसुख की प्राप्ति नहीं होती है, क्योंकि आपको हस्तमैथुन जैसा यौनानंद उसके साथ सेक्स करते समय महसूस नहीं होता है, तो आप यह कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि आपकी पत्नी आपके साथ हंसती-मुस्कुराती और चहकती रहे तथा खुश दिखाई दे। आप चाहते हैं कि आपकी पत्नी दाम्पत्य जीवन का सच्चा और स्वाभाविक आनन्द या सुख भोगे बिना भी आपका साथ दे, यह इतना आसान नहीं है, जितना आप सोच रहे हैं।
  • 22. इन हालातों में यदि आपकी पत्नी चिड़चिड़ी हो गयी है या वह आपके साथ रहने के बजाय अपने पीहर में रहना अधिक पसन्द करती है और आपके अनुसार वह आपसे प्यार नहीं करती है और आपके साथ सेक्स में रुचि नहीं लेती है और सम्भवत: आपको सन्देह है कि वह विवाहपूर्व के अपने प्रेमी के सम्पर्क में है तो आप खुले मन से कुछ बातों को समझने की कोशिश करें। पहली बात तो यह केवल आपका वहम हो सकता है और दूसरी बात इन हालातों में यदि आपकी पत्नी के किसी अन्य से यौन-सम्बन्ध हैं तो इसमें अस्वाभाविक क्या है?
  • 23. श्री रमेश जी आप लिखते हैं कि ‘‘इस कारण मैं बहुत परेशान रहता हूँ, क्या करूँ? कृपया मुझे ऐसी सलाह दें कि मैं जिन्दा रह सकूँ और मेरा वैवाहिक जीवन बच जाये! मेरी पत्नी मुझे पूरी तरह से स्वीकार कर ले और मैं उसके साथ सेक्स का पूर्ण आनंद ले सकूँ।’’ आपको वही करना चाहिये जो आप सच में चाहते हैं, क्योंकि आपके सवाल से मैं यह समझ पा रहा हूँ कि आप सच में अपने वैवाहिक जीवन को बचाना चाहते हैं। इसलिये जितना जल्दी संभव हो आपको अपनी पत्नी के समक्ष सभी जरूरी बातें खुलकर रखनी चाहिये। आप दोनों ईमानदारी से और खुलकर आपस में चर्चा करें और पिछली बातों या गलतियों को भुलाकर दोनों का किसी योग्य और विश्‍वसनीय डॉक्टर से उपचार करवायें। जरूरी हो तो किसी काउंसलर से सलाह करें।
  • 24. समझने वाली महत्वपूर्ण बात अपने व्यवहार से एक दूसरे का विश्वास तथा दिल जीतने का प्रयास करें। जब दोनों के दिल एक दूसरे के लिये धड़कने लगेंगे, दोनों मानसिक स्तर पर अपनापन महसूस करने लगेंगे तो शारीरिक सुख भी प्राप्त होने लगेगा। सेक्स को शारीरिक सम्बन्ध जरूर कहा जाता है, लेकिन हकीकत में यह दो मनों और दो दिलों का सम्बन्ध है। जब तक शरीर के साथ-साथ दोनों के मन और हृदय नहीं मिलते हैं, तब तक सेक्स का कोई मतलब ही नहीं है और जिस दिन, मन और हृदय मिल जायेंगे, उस दिन यौनुसख या यौनानंद के लिये योनी ढीली-ढाली है या टाईट इस बात का कोई मतलब ही नहीं रह जायेगा!
  • 25. अन्त में वही एक पंक्ति जो मैं हमेशा कहता और लिखता और बोलता रहता हूँ, दौहराना जरूरी समझता हूॅं-

सेक्स दो टांगों के बीच का खेल नहीं, बल्कि दो कानों के बीच (दिमांग) का खेल है। अर्थात सेक्स शारीरिक बाद में, पहले मानसिक क्रिया है। इसलिये हर दम्पत्ती को इस बात को समझना होगा कि मन पर पड़ने वाले अच्छे-बुरे विचारों का प्रभाव शरीर पर पड़ता है। अत: स्वस्थ सेक्स के लिये, स्वस्थ शरीर के साथ-साथ स्वस्थ विचारों/मन का होना भी बेहद जरूरी है।

लेखन: 04.05.2013, सम्पादन: 15.03.2019

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *